
श्रीलंका को मिला वामपंथी राष्ट्रपति तो खुश हुआ चीन, ग्लोबल टाइम्स ने भारत को लेकर कही ये बात
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श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने सोमवार को पद की शपथ ले ली है. दिसानायके के सत्ता में आने से चीन के रणनीतिक एक्सपर्ट खुशी जता रहे हैं. ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें श्रीलंका-भारत संबंधों पर भी टिप्पणी की गई है.
श्रीलंका में 56 साल के मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. सोमवार को उन्होंने पद की शपथ ली. श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में एक वामपंथी नेता की जीत से चीन बेहद खुश हो रहा है. चीनी एक्सपर्ट्स अभी से खुशी से उछल रहे हैं और कह रहे हैं कि दिसानायके के सत्ता में आने से भारत पर श्रीलंका की निर्भरता कम होगी. उनका कहना है कि वामपंथी दिसानायके के सत्ता में आने से श्रीलंका के साथ चीन के संबंध और मजबूत होंगे और 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' में भी तेजी आएगी.
'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (BRI) चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसके तहत श्रीलंका में कई प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है. चीन पर आरोप भी लगते हैं कि अपने इस प्रोजेक्ट के जरिए वो विकासशील देशों में भारी निवेश कर उन देशों को कर्ज के जाल में फंसा लेता है.
साल 2022 में श्रीलंका के आर्थिक, राजनीतिक संकट के दौरान देश के अंदर से भी चीन के बीआरआई के खिलाफ आवाज उठी थीं. लेकिन अब जबकि श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन हो गया है और नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के अनुरा कुमार दिसानायके को रविवार को देश का नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है, चीन को उम्मीद है कि दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे और बीआरआई प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम होगा.
दिसानायके की जीत पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख छापा है जिसमें कई चीनी विशेषज्ञों ने कहा है कि दिसानायके के आने के बाद चीन-श्रीलंका संबंध और मजबूत होंगे.
सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में शोध विभाग के निदेशक कियान फेंग के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'श्रीलंका की नई सरकार के आने के बाद दोनों देशों के संबंधों के और बेहतर होने की उम्मीद है. ऐसा इसलिए क्योंकि दिसानायके की पार्टी की विचारधारा चीन के साथ मेल खाती है और चीन के साथ देश के संबंधों को महत्व देती है.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में भारत का जिक्र करते हुए कहा गया कि श्रीलंका के नए राष्ट्रपति भारत पर अपनी निर्भरता कम करेंगे और चीन से अधिक जुड़ेंगे.

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