विवादित चेहरों से किनारा, खराब रिपोर्ट कार्ड वालों का भी कटा पत्ता... BJP की पहली लिस्ट से निकले सियासी संदेश
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पिछले आम चुनावों में जीती गईं कुछ सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली की सीटें हैं. पार्टी ने पहली सूची में दिल्ली की जिन 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से केवल एक मौजूदा सांसद को उम्मीदवार के रूप में बरकरार रखा है.
भाजपा की 195 लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में कुछ संदेश छिपे हैं, जो इस बात का संकेत हो सकते हैं कि बाद की सूचियों में क्या होने वाला है. बीजेपी की इस लिस्ट में सबसे बड़ा एक संदेश केंद्रीय मंत्रियों के लिए है कि यदि उन्हें भविष्य में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अपनी जगह बनाए रखना है, तो उन सभी को जमीन पर उतरना होगा और जनादेश हासिल करना होगा. शायद इसीलिए बीजेपी ने अपनी पहली सूची में मोदी सरकार के 34 मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारा है.
कई केंद्रीय मंत्री जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं, उन्हें भी भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है. इनमें गुजरात के पोरबंदर से निवर्तमान स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, राजस्थान के अलवर से पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, मध्य प्रदेश के गुना से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजकोट से केंद्रीय पशुपालन मंत्री परषोत्तम रूपाला, असम के डिब्रूगढ़ से केंद्रीय शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, और तिरुवनंतपुरम से प्रौद्योगिकी एवं सूचना राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर, सहित अन्य कई नाम शामिल हैं.
खराब रिपोर्ट कार्ड वालों के टिकट कटे
भगवा पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट के जरिए उन मौजूदा सांसदों को कड़ा संदेश दिया है, जिनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा है. हालांकि पहली सूची में भाजपा ने उन सीटों पर फोकस किया है, जो 2019 के चुनावों में वह हार गई थी. पिछले आम चुनावों में जीती गईं कुछ सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण दिल्ली की सीटें हैं. पार्टी ने पहली सूची में दिल्ली की जिन 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से केवल एक मौजूदा सांसद को उम्मीदवार के रूप में बरकरार रखा है. भोजपुरी सिंगर और एक्टर मनोज तिवारी एक बार फिर उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ेंगे.
विवाद में रहने वाले सांसदों से किनारा
लेकिन चांदनी चौक से हर्षवर्धन, नई दिल्ली से मीनाक्षी लेखी को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. भगवा पार्टी ने एक और बड़े संदेश में दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली के सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा और भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित से किनारा कर लिया है. बिधूड़ी ने पिछले साल संसद में दानिश अली के खिलाफ अपनी नफरत भरी सांप्रदायिक टिप्पणियों से विवाद खड़ा कर दिया था, जबकि ठाकुर की महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जश्न मनाने वाली टिप्पणी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं आई थी. परवेश साहिब सिंह वर्मा भी अपने सांप्रदायिक बयानबाजी के लिए विवादों में रह चुके हैं. 2024 के चुनावों में, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे. बीजेपी ने बांसुरी स्वराज को सेंट्रल दिल्ली, कमलजीत सहरावत को पश्चिमी दिल्ली से टिकट दिया है. आलोक शर्मा भोपाल से भगवा पार्टी का चेहरा होंगे.
एग्जिट पोल का अनुमान बताता है कि बीजेपी और महायुति को जितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, वो पूरी होती नहीं दिख रही है. एग्जिट पोल में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी को 20-22, कांग्रेस को 3-4, शिवसेना (ठाकरे गुट) को 9-11, शिवसेना (शिंदे गुट) को 8-10, एनसीपी (शरद पवार) को 4-5 और एनसीपी (अजित पवार) को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
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