
विधानसभा चुनाव से पहले पूर्वी नगालैंड को अलग राज्य बनाने की मांग तेज़
The Wire
क्षेत्र के प्रभावी ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने नेताओं, सातों जनजातियों के निकायों और क्षेत्र के अन्य संगठनों के साथ 26 अगस्त को दिमापुर शहर में बैठक की थी, जिसमें संकल्प लिया गया कि वे किसी भी चुनाव में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक कि उनकी अलग ‘फ्रंटियर नगालैंड’ राज्य बनाने की मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता.
कोहिमा: नगालैंड में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के पूर्वी हिस्से को अलग कर नया राज्य बनाने की मांग तेज गई है. इस कड़ी में क्षेत्र के 20 विधायकों ने भी मांग पूरी नहीं होने तक किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेने के आह्वान का समर्थन कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि पूर्वी नगालैंड के अंतर्गत छह जिले – मोन, तुएनसांग, किफिरे, लोंगलेंग, नोकलाक और शामाटर आते हैं. इन जिलों में सात जनजातियों – चांग, खियामनिंगन, कोन्याक, फोम, संगतम, तिखिर और यिमखिउंग के लोग रहते हैं.
क्षेत्र के प्रभावी संगठन ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने नेताओं, सातों जनजातियों के निकायों और क्षेत्र के अन्य संगठनों के साथ 26 अगस्त को दिमापुर शहर में बैठक की थी, जिसमें संकल्प लिया गया कि वे किसी भी चुनाव में तब तक शामिल नहीं होंगे, जब तक कि उनकी अलग ‘फ्रंटियर नगालैंड’ राज्य बनाने की मांग को स्वीकार नहीं कर लिया जाता.
ईस्टर्न नगालैंड लेजिस्टेटर्स यूनियन में भू-संसाधन के सचिव और सलाहकार सीएल जॉन ने कहा, ‘क्षेत्र के 20 विधायक लोगों की इच्छा के विपरीत नहीं जा सकते. अलग राज्य के गठन की मांग जन आंदोलन है और हम लोगों के साथ हैं.’
