विदेशी धरती पर भी भारत के 'दुश्मनों' की खैर नहीं, जहां हैं वहीं काम तमाम!
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पीओके के रावलकोट की एक मस्जिद में नमाज पढ़ने के दौरान आतंकी मोहम्मद रियाज गोली को गोली मार दी गई. वो पाकिस्तान के इशारे पर कश्मीर घाटी में आतंकी वारदात को अंजाम दिया करता था. उसके इशारे पर इसी साल 5 भारतीय जवानों की हत्या हुई थी. पिछले कुछ समय से विदेशी धरती पर लगातार दुश्मनों का सफाया हो रहा है. लेकिन किसी को समझ नहीं आ है कि इसे अंजाम कौन दे रहा है. कुछ लोग दबे दुबान भारतीय खुफिया एजेंसियों का कारनामा बता रहे हैं.
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद से 130 किलोमीटर दूर रावलकोट की एक मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ी जा रही थी. नमाज के दौरान एक शख्स सजदा के लिए जैसे ही नीचे झुका, अचानक गोलियों की बरसात होने लगी. एक के बाद एक चार गोलियां उस शख्स के सिर और शरीर में उतारने के बाद एक अनजान हत्यारा लापता हो गया. सजदा के लिए झुका शख्स हमेशा-हमेशा के लिए सो गया. लेकिन मृतक कोई मासूम नहीं था. वो एक खतरनाक आतंकी था. पाकिस्तान में रहते हुए हिंदुस्तान में आतंकी वारदातों को अंजाम देता था. नाम मोहम्मद रियाज था, जिसे अबु कासिम कश्मीरी के नाम से भी जाना जाता था. इसी साल कश्मीर में पांच जवानों की हत्या कर दी गई थी. इसका जिम्मेदार अबु कासिम ही था. उसे इस्लामिस्ट गुरिल्ला लीडर कहा जाता था, जो छुपकर भारतीय जवानों पर हमला किया करता था.
इस वारदात से छह महीने पहले की बात है. पाकिस्तान के कराची में आतंकी संगठन अल बदर के सरगना सैय्यद खालिद राजा की भी इसी तरह से एक अंजान शूटर ने हत्या कर दी थी. उसे प्वाइंट ब्लैंक रेंज से सीधे सिर में गोली मारी गई थी. घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई थी. खालिद ने जम्मू-कश्मीर में करीब आठ साल तक रहकर भारत के खिलाफ जिहाद किया था. यहां कई बड़े आतंकी वारदातों में उसका हाथ था. उसके बाद वो पाकिस्तान लौट गया. वहां हैंडलर बनकर पाक आंतकियों को कमांड कर रहा था. उसकी हत्या भी वैसे हुई जैसे उसकी मौत से कुछ हफ्ते पहले हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक कमांडर इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर की हुई थी. बशीर का नाम भारत के मोस्ट वॉन्टेड टेरिस्ट की सूची में शामिल था. उसे पाकिस्तान के रावलपिंडी में एक अनजान शूटर ने मौत के घाट उतार दिया था.
दहशत फैलाने वाले आतंकी अब खुद दहशत में जी रहे हैं
विदेशी धरती पर हिंदुस्तान के दुश्मनों के मारे जाने का ये एक नया ट्रेंड सामने आया है. भारत से बाहर रहकर आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले और अलगाववादी ताकतों के सिर पर हमेशा मौत का खतरा मंडरा रहा है. वो कब, कहां और किस तरह से मार दिए जाएं, किसी को नहीं पता. पाकिस्तान की धरती पर रहकर भी उनके पाले हुए आतंकी अब महफूज नहीं रहे. अब तो उनके आका उन्हें हाईटेक सिक्योरिटी दे रहे हैं, ताकि उनकी जान बचाई जा सके. दहशत फैलाने वाले खुद अब दहशत में जी रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल इन वारदातों को अंजाम कौन दे रहा है. कौन है जो उनकी मांद में घुसकर उन्हें मौत की नींद सुला रहा है. मारे जा रहे आंतकियों के साथियों का तो आरोप है कि ये सब कुछ भारतीय खुफिया एजेंसियों के इशारे पर हो रहा है. उनके एजेंट इस तरह साइलेंटली अपना काम करके निकल जा रहे हैं.
रहस्मयी मौत से खालिस्तानी आतंकियों में मची खलबली
ऐसा केवल पाकिस्तानी आतंकियों के साथ नहीं नहीं हो रहा, बल्कि कई खालिस्तानी आतंकी भी मारे जा रहे हैं. मजे की बात ये है कि सभी के मारे जाने का पैटर्न लगभग एक जैसा ही है. खालिस्तान कमांडो फोर्स का चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ पाकिस्तान की पनाह में था. लेकिन इसी साल 6 मई को पाकिस्तान के लाहौर में गुमनाम क़ातिलों ने गोली मार कर उसकी हत्या कर दी. इसी तरह 14 जून को खालिस्तानी आतंकी अवतार सिंह खांडा ब्रिटेन में रहस्यमयी हालत में मरा हुआ मिला. बताया जा रहा है कि उसे जहर दिया गया था. इसके बाद 18 जून को कनाडा के एक गुरुद्वारे की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ हरदीप निज्जर को गोली मार दी गई. इसी बीच संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की मौत की खबरें भी सामने आईं, लेकिन बाद में वीडियो जारी करके उसने बताया कि वो जिंदा है.
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