वरवर राव को मिली जमानत, जानें बॉम्बे HC ने बेल देते हुए क्या कहा?
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वरवर राव को जमानत देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन सात सवालों पर विचार किया, जोकि एक अंडर-ट्रायल कैदी के संवैधानिक अधिकार हैं. एल्गार परिषद मामले में, जिसमें वरवर राव आरोपी हैं, सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया, 'NIA अभी तक आरोप तय नहीं कर पाई है और अभियोजन पक्ष लगभग 200 गवाहों की जांच करना चाहता है. आज भी कोई हमें यह बताने की स्थिति में नहीं है कि यह जांच पड़ताल कब तक पूरी होगी.'
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को बीमार तेलुगू कवि वरवर राव को मेडिकल ग्राउंड पर छह महीने की अंतरिम जमानत दे दी. एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी 82 साल के वरवर राव का इस समय मुंबई के नानावटी अस्पताल में इलाज चल रहा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एल्गार परिषद मामले की छानबीन कर रही है. जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पिटाले की पीठ ने आदेश दिया कि वरवर राव को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाए जोकि उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करेगी. पीठ ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी के तुरंत बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.