
लोन की किस्तों पर छूट देने का मामला: सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
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केन्द्र ने कहा कि अगर बैकों को यह बोझ वहन करना होगा तो उन्हें अपनी कुल शुद्ध परिसंपत्ति का एक बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ेगा, जिससे अधिकांश कर्ज देने वाले बैंक संस्थान अलाभकारी स्थिति में पहुंच जायेंगे
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय रियल एस्टेट और बिजली क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों के व्यावसायिक संघों की उन याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा, जिसमें उन्होंने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऋण किस्त स्थगन और अन्य राहत का विस्तार किए जाने का आवेदन किया है. न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पिछले साल 17 दिसंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछली सुनवाई में केंद्र ने न्यायालय को बताया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक द्वारा छह महीने के लिये ऋण की किस्तों के भुगतान स्थगित रखने जाने की छूट की योजना के तहत सभी वर्गो को यदि ब्याज माफी का लाभ दिया जाता है तो इस मद पर छह लाख करोड़ रूपए से ज्यादा धनराशि छोड़नी पड़ सकती है. केन्द्र ने कहा कि अगर बैकों को यह बोझ वहन करना होगा तो उन्हें अपनी कुल शुद्ध परिसंपत्ति का एक बड़ा हिस्सा गंवाना पड़ेगा, जिससे अधिकांश कर्ज देने वाले बैंक संस्थान अलाभकारी स्थिति में पहुंच जायेंगे ओर इससे उनके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जायेगा. न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ से केंद्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसी वजह से ब्याज माफी के बारे में सोचा भी नहीं गया और सिर्फ किस्त स्थगित करने का प्रावधान किया गया था.
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Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









