
लिंग-जाति-धर्म के भेद से लेकर सुरक्षा-सिविक सेंस पर कैसा है देश का व्यवहार? पढ़ें- इंडिया टुडे का विशेष GDB सर्वे
AajTak
GDB यानी Gross Domestic Behaviour... हिंदी में कहें तो सकल घरेलू व्यवहार. इंडिया टुडे ने अपने तरह के इस पहले सर्वे में देश के अलग-अलग राज्यों के नागरिक शिष्टाचार, सार्वजनिक सुरक्षा, स्त्री-पुरुष प्रवृत्तियां-विविधता और भेदभाव की स्थिति को जाना और उनकी रैंकिंग तय की.
आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहे भारत की कितनी है नागरिक चेतना? कितना मजबूत है उसका सामाजिक ताना-बाना? विकासशील भारत से विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए हम क्या अपनी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हैं और क्या आज भी हमारे निजी और सार्वजनिक फैसलों पर जाति, धर्म या लिंग का भेद हावी रहता है?
देश की जीडीपी के बारे में बहुत बात होती है, हम अपनी पीठ भी थपथपाते हैं, लेकिन GDB यानी सकल घरेलू व्यवहार के मामल में हम कहां खड़े हैं, देश के अलग-अलग राज्यों में इस पैमाने पर हालात कितने अच्छे या बुरे हैं ये जानने के लिए इंडिया टुडे ग्रुप ने डेटा एनालिटिक्स फर्म 'हाउ इंडिया लिव्ज' के साथ मिलकर 21 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 98 जिलों में अपनी तरह का पहला जनमत सर्वेक्षण किया. इस सर्वे में 9188 लोगों से उनकी इनकम या संपत्ति के बारे में नहीं, बल्कि शालीन व्यवहार, हमदर्दी और नेक-नीयती के बारे में बातचीत की गई.
ये भी पढ़ें- महिलाओं का वोटिंग पैटर्न हो या नौकरी-शादी की आजादी...जानें क्या सोचते हैं देश के राज्य, इंडिया टुडे का GDB सर्वे सर्वे में नागरिक शिष्टाचार, सार्वजनिक सुरक्षा, स्त्री-पुरुष प्रवृत्तियां, विविधता और भेदभाव के पैमाने पर जिन राज्यों ने सबसे अच्छी रैंकिंग पाई उनमें नंबर एक पर केरल तो नंबर दो पर तमिलनाडु रहा. नंबर तीन पर पश्चिम बंगाल को जगह मिली, जबकि महाराष्ट्र और ओडिशा क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर रहे. इस सर्वे में फिसड्डी रहे राज्यों की लिस्ट देखें तो उनमें सबसे नीचे उत्तर प्रदेश, उसके ऊपर पंजाब और उसके ऊपर गुजरात की रैंकिंग रही. इन्हें क्रमशः 22वां, 21वां और 20वां स्थान मिला. इस सर्वे में मध्यप्रदेश 19वें तो कर्नाटक 18वें नंबर पर रहकर टॉप फिसड्डी राज्य बने.
61 फीसदी लोग काम करवाने के लिए घूस देने को तैयार
नतीजे परेशान करने वाले रहे. 61 फीसदी लोग काम करवाने के लिए घूस देने को तैयार हैं, 52 फीसदी लोग टैक्स से बचने के लिए कैश में लेन-देन को सही बताते हैं, 69 फीसदी लोग मानते हैं कि घर के मामलों में अंतिम फैसला पुरुषों का ही होना चाहिए और देश की तकरीबन आधी आबादी अंतर-धर्मिक या अंतर-जातीय विवाह के खिलाफ है. सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि देश में आर्थिक बेहतरी के साथ-साथ नागरिक आचार-व्यवहार, समानता और सामाजिक जिम्मेदारी में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.

पानीपत कांड में आरोपी पूनम के पति नवीन ने कहा कि बच्चों को जैसे पानी में तड़पाकर मारा गया, वैसे ही उसकी पत्नी को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उसने किसी भी तांत्रिक कनेक्शन से इनकार किया. वहीं, पूनम की मां सुनीता देवी ने कहा कि बेटी शादी से पहले बिल्कुल सामान्य थी और कभी किसी बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया. उन्होंने स्वीकारा कि यदि उसने यह अपराध किया है तो उसे उसकी सजा जरूर मिलनी चाहिए.

माधव राव ने कुछ स्वयंसेवकों को मुस्लिम पहचान देकर विभाजित पंजाब के शहरों में मुस्लिम लीग के प्रभाव वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया. ये लोग बताते थे कि कैसे पूरी तैयारी के साथ मुस्लिम लीग के लोग हिंदू बाहुल्य इलाकों की रिपोर्ट तैयार करते हैं, और फिर हमला करते थे. RSS के 100 सालों के सफर की 100 कहानियों की कड़ी में आज पेश है उसी घटना का वर्णन.

पिछले दो दिनों से इंडिगो की उड़ानों में भारी रद्द होंगे देखे गए हैं. इस वजह से DGCA ने 4 दिसंबर को इंडिगो के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है. 3 और 4 दिसंबर को लगभग 250 से 300 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे यात्री प्रभावित हुए हैं. DGCA का मकसद इंडिगो के कामकाज में सुधार लाना और यात्रियों की असुविधा को कम करना है.

शिवसेना UBT सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि मंत्री राम मोहन नायडू को इंडिगो संकट को लेकर संसद में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इंडिगो पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि इंडिगो ने यात्रियों को काफी परेशानी में डाला है. प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि इंडिगो के पास नियमों में हुए बदलावों की पूरी जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद यात्रियों को असुविधा हुई.








