
लखीमपुर खीरी हिंसा में हुई मौतों का जिम्मेदार कौन? सियासत के बीच ये रहे तीन अलग-अलग पक्ष
Zee News
लखीमपुर खीरी (Lakhimpur-Kheri) में हिंसा कैसे हुई, इसके तीन अलग अलग पक्ष हैं. एक गाड़ी चार प्रदर्शकारियों को कुचल देती है और उसके बाद प्रदर्शनकारी गाड़ी के ड्राइवर समेत तीन लोगों को पीट पीटकर मार डालते हैं. उपद्रवी इतने क्रूर थे कि इन्होंने एक पत्रकार की भी हत्या कर दी.
नई दिल्ली: डीएनए (DNA) में बात उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की जहां आपको लखीमपुर खीरी (Lakhimpur-Kheri) में पक रही राजनैतिक खीर के बारे में बताते हैं. ये खीर इतनी स्वादिष्ट है कि हर पार्टी का नेता इसे खाना चाहता है. इसमें इंसानों का खून मिला है जिसे नफरत की भट्टी पर पकाया गया. इस कहानी में कई ट्विस्ट है जिनका इस्तेमाल लोग अपने-अपने हिसाब से कर रहे हैं. कोई इसे राजनैतिक रंग देना चाहता है तो कोई इसके नाम पर माहौल खराब करना चाहता है. वहीं कुछ लोग चाहचे हैं कि ये घटना प्रशासन और किसानों के बीच नए संघर्ष में बदल जाए.
एक गाड़ी चार प्रदर्शकारियों को कुचल देती है और उसके बाद प्रदर्शनकारी गाड़ी के ड्राइवर समेत तीन लोगों को पीट पीटकर मार डालते हैं. उपद्रवी इतने क्रूर थे कि इन्होंने एक पत्रकार की भी हत्या कर दी. ये लोग खुद को किसान कह रहे हैं लेकिन हमें लगता है कि इन्हें किसान कहना बेइमानी होगा. लखीमपुर की लड़ाई अब राजनैतिक पर्यटन में बदल गई है. हर नेता लखीमपुर खीरी जाकर अपने लिए वोट निकालना चाहता है.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

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Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

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