
रीमेक फिल्मों पर इतनी हाय-तौबा क्यों? सिनेमा के उस्तादों ने आजमाया है मंत्र, बनी हैं अवॉर्ड विनिंग फिल्में
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है. आमिर की 'सितारे जमीन पर' असल में स्पेनिश फिल्म 'कैम्पियोनीज' (2018) का हिंदी रीमेक है. सोशल मीडिया पर लोग फिल्म को 'रीमेक है' का ताना भी मारते दिखे. लेकिन क्या सच में सिनेमा में 'रीमेक' शब्द इतना घिनौना है कि उसे किसी फिल्म के लिए गाली की तरह इस्तेमाल किया जाए? चलिए इस सवाल का जवाब खंगालते हैं.
बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की नई फिल्म 'सितारे जमीन पर' इस शुक्रवार रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म के टीजर-ट्रेलर को जनता से जमकर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है. अपनी पिछली फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के फेल होने के बाद एक समय एक्टिंग छोड़ने तक का प्लान बना चुके आमिर फिर से खूब इंटरव्यूज में नजर आ रहे हैं और नई फिल्म का प्रमोशन बढ़-चढ़कर कर रहे हैं.
इस प्रमोशन का फायदा भी हो रहा है और 'सितारे जमीन पर' के लिए बहुत पॉजिटिव माहौल भी बनता नजर आ रहा है. मगर इसी माहौल के बीच बॉलीवुड को 'रीमेकवुड' बताने वाले भी फिर से एक्टिव हो चुके हैं और आमिर की फिल्म पर वही तीर चलाने लगे हैं जो पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड फिल्मों के खिलाफ खूब चलाया जाता रहा है- 'ये तो रीमेक है.'
फैक्ट्स के हिसाब से ये बात गलत भी नहीं है. आमिर की 'सितारे जमीन पर' असल में स्पेनिश फिल्म 'कैम्पियोनीज' (2018) का हिंदी रीमेक है. 2023 में 'कैम्पियोनीज' का रीमेक हॉलीवुड में भी बन चुका है जिसमें तीन बार ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेटेड एक्टर वुडी हैरेलसन ने बास्केटबॉल कोच का किरदार निभाया था. 'सितारे जमीन पर' में ये किरदार आमिर निभा रहे हैं.
पिछले कुछ सालों में 'रीमेक' शब्द फिल्मों के लिए एक नेगेटिव टोन में इस्तेमाल किया जाने लगा है, खासकर सोशल मीडिया पर किसी फिल्म को 'रीमेक' बताने वाले का इरादा ये कहने का होता है कि फिल्म 'ऑरिजिनल' नहीं है. लेकिन क्या सच में फिल्मों की दुनिया में 'रीमेक' शब्द इतना घिनौना है कि उसे किसी फिल्म का माहौल बिगाड़ने के लिए लगभग एक गाली की तरह इस्तेमाल किया जाए? क्या सिर्फ इसलिए किसी फिल्म को कमतर आंकना सही है क्योंकि वो रीमेक है?
चलिए इस सवाल का जवाब खंगालते हैं. फिल्मों के इतिहास में थोड़ा पीछे चलकर देखते हैं की 'रीमेक' असल में कैसे सिनेमा को आगे बढ़ाने वाला ट्रेंड रहा है. 'रीमेक' वाले आईडिया का इस्तेमाल दुनिया ही नहीं भारत के कुछ मास्टर फिल्ममेकर्स ने किस तरह किया और आज इस शब्द के नेगेटिव अर्थ में इस्तेमाल होने की वजह क्या है.
कहानी कहने की भूख और कहानियों के अलग-अलग एडाप्टेशन रीमेक शब्द का सारा निचोड़ इस बात में है कि किसी एक कहानी को फिल्मों में अलग-अलग डायरेक्टर्स अपनी-अपनी नजर से एडाप्ट करते हैं. जहां 'शोले' (1975) का रीमेक, राम गोपाल वर्मा की 'आग' (2007) एडाप्टेशन के फेल होने का उदाहरण है. वहीं अमिताभ बच्चन की 'अग्निपथ' (1990) का ऋतिक रोशन स्टारर 'अग्निपथ' (2012) में रीमेक होना, एडाप्टेशन के बेहतर होने का उदाहरण है. फिल्मों में एडाप्टेशन का ये खेल न तो नया है और न ही दर्शक हमेशा इस ट्रेंड से खफा होते आए हैं. बल्कि किसी फिल्म के 'रीमेक' होने की बात सुनते ही किसी दर्शक का मुंह बिचका लेना पिछले कुछ सालों में ज्यादा होने लगा है. भारतीय सिनेमा के मॉडर्न दौर में अनुराग कश्यप एक ऐसे फिल्ममेकर के रूप में स्थापित हो चुके हैं, जिनकी फिल्मों से आप सहमत-असहमत हो सकते हैं. मगर उनकी सिनेमाई समझ बिल्कुल निर्विवादित है. वो सिर्फ एक ठोस फिल्ममेकर ही नहीं, बेहतरीन सिनेमा विश्लेषक भी हैं. कुछ साल पहले गलाट्टा प्लस के साथ एक इंटरव्यू में अनुराग ने फिल्ममेकिंग के मौजूदा हालात पर डिटेल में चर्चा करते हुए एक बात कही थी जो 'रीमेक' पर चर्चा करने के लिए एक अच्छी शुरुआत हो सकती है.













