
राहुल गांधी क्यों याद दिला रहे हैं 2011 की जनगणना, जानें- जातियों के डेटा का क्या हुआ
AajTak
राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में 2011 की जनगणना का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. राहुल आखिर 2011 की जनगणना क्यों याद दिला रहे हैं? 2011 की जनगणना में जातियों का जो डेटा जुटाया गया था, उसका क्या हुआ?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इन दिनों जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुखर हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक संसद में भी जातीय जनगणना की मांग उठा चुके हैं. राहुल गांधी ने अब चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में भी जातीय जनगणना का राग छेड़ दिया है. राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए जातिगत जनगणना को देश के लिए एक्स-रे की तरह बताया.
राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज करते हुए कहा कि ये जहां भी जाते हैं, ओबीसी की बात करते हैं. पीएम मोदी जातीय जनगणना से क्यों डरते हैं? उन्होंने इसे जरूरी बताते हुए कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में थी, जातीय जनगणना कराई थी जिसमें ये डेटा है कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ये डेटा छिपाना चाहते हैं.
अब सवाल ये उठ रहे हैं कि राहुल गांधी 2011 की जनगणना की याद क्यों दिला रहे हैं? दरअसल, महिला आरक्षण बिल पर चर्चा की शुरुआत में ही सोनिया गांधी ने जातीय जनगणना की मांग उठा दी. जब राहुल गांधी का नंबर आया, उन्होंने 90 में से तीन ओबीसी सचिव होने का जिक्र कर सरकार को घेरा. सोनिया से लेकर राहुल तक ने संसद में जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया और ओबीसी महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग कर दी. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से लेकर कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल तक, सभी ओबीसी प्रधानमंत्री, ओबीसी मंत्री, बीजेपी के ओबीसी सांसद-विधायकों के डेटा बता कांग्रेस पर हमलावर हो गए.
ये भी पढ़ें- 'जातिगत जनगणना कराने से क्यों डर रहे पीएम मोदी...', बिलासपुर की रैली में राहुल गांधी का सवाल
ओबीसी के मामले में भी बीजेपी पुरानी सरकारों के बहाने कांग्रेस को आक्रामक तरीके से घेर रही है. ओबीसी को लेकर जस्टिस जी रोहिणी की अध्यक्षता में गठित कमीशन की रिपोर्ट को सरकार की ओर से जातीय जनगणना की मांग काउंटर करने के लिए इस्तेमाल करने की चर्चा भी रही है. ऐसे में अब राहुल गांधी के 2011 की जातीय जनगणना याद दिलाने और इसके आंकड़े जारी नहीं करने के लिए सरकार पर आरोप लगाने को बीजेपी के दांव की काट के रूप में देखा जा रहा है.
दरअसल, साल 2011 की जनगणना से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और समाजवादी पार्टी (सपा) जैसी पार्टियां जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुखर हो गईं जिनकी सियासत का आधार ही ओबीसी पॉलिटिक्स है. तब कांग्रेस या यूपीए सरकार का इसे लेकर स्टैंड स्पष्ट नहीं था. कांग्रेस के ओबीसी नेताओं का एक वर्ग भी इसके पक्ष में था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.






