
राहुल गांधी के इफ्तार पार्टी में जाने का बिहार चुनाव से कोई कनेक्शन है क्या?
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राहुल गांधी बड़े दिनों बाद किसी इफ्तार पार्टी में नजर आये हैं. और हां, खास बात ये है कि कांग्रेस नेता को इंडिया ब्लॉक के कुछ नेताओं से बातचीत करते भी देखा गया - क्या ये सब बिहार चुनाव की वजह से हो रहा है?
रमजान का महीना राजनीतिक दलों के लिए बहुत बड़ा मौका देता है. बिहार में तो इसका अलग ही रोल देखा जाता रहा है. इफ्तार की एक ही पार्टी में कई नये समीकरण तैयार हो जाते हैं.
बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी नेता लालू यादव दोनो ही इफ्तार की दावत दे चुके हैं - और दोनो ही दावतों से कुछ लोगों के राजनीतिक वजहों से दूरी बना लेते देखा गया है. लालू यादव की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस नेताओं ने दूरी बनाई, तो नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन बिल के विरोध में पहले ही बहिष्कार कर दिया था.
दिल्ली की एक इफ्तार पार्टी, इस बीच, बेहद खास मानी गई है. कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार पार्टी में राहुल गांधी तो पहुंचे ही थे, दिल्ली चुनाव के बाद अस्तित्व तक खत्म हो जाने का संकेत दे रहे इंडिया ब्लॉक के नेताओं को भी दावत में देखा गया - अब ये करिश्मा बिहार चुनाव की वजह से नहीं हुआ है तो कैसे मुमकिन हुआ है.
दिल्ली की इफ्तार पार्टी में राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बरसों बाद किसी इफ्तार पार्टी में सार्वजनिक तौर पर देखा गया है. 2018 में राहुल गांधी ने खुद इफ्तार पार्टी होस्ट की थी, जब वो कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे - फिर तो राहुल गांधी के इफ्तार पार्टी में शामिल होने को बिहार चुनाव से जोड़कर देखा ही जा सकता है.
2014 और फिर 2019 का भी लोकसभा चुनाव हार जाने, और बीजेपी के आक्रामक हो जाने की वजह से कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई थी. कांग्रेस नेतृत्व को लगने लगा था कि बीजेपी उसे मुस्लिम पार्टी के रूप में लोगों के बीच पेश कर रही है. यही वजह रही कि राहुल गांधी ने कुछ दिनों तक सॉफ्ट हिंदुत्व वाले कुछ प्रयोग भी किये, लेकिन बाद में स्वाभाविक अंदाज में आ गये - लेकिन संकोच धीरे धीरे ही खत्म हो रहा है.

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