
रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर गए ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस इसे क्यों बोली ‘पाप’ का प्रायश्चित
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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सिंधिया के पूर्वजों के ‘‘पाप’’ का प्रायश्चित करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है. मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समाधि स्थल के ‘‘शुद्धिकरण’’ का प्रयास भी किया.
ग्वालियर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. संभवत: ग्वालियर के तत्कालीन शाही सिंधिया परिवार के किसी सदस्य का शहीद रानी के समाधि स्थल का यह पहला दौरा है. इसपर व्यंग्य करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सिंधिया के पूर्वजों के ‘‘पाप’’ का प्रायश्चित करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है. मंगलवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने समाधि स्थल के ‘‘शुद्धिकरण’’ का प्रयास भी किया.
सिंधिया की श्रद्धांजलि पर व्यंग्य करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सिंधिया के पूर्वजों ने 1857 के विद्रोह के दौरान रानी लक्ष्मीबाई का समर्थन नहीं किया. अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई 18 जून, 1858 को ग्वालियर में ब्रिटिश सेना से युद्ध में शहीद हो गयी थीं. सिंधिया के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ ज्योतिरादित्य सिंधिया का झांसी की रानी की प्रतिमा के समक्ष नमन करना एक साहसिक कदम है.’’

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