राजपरिवार के खाने में जहर का पता लगाते थे फूड टेस्टर, अब कैसे होती है बड़े नेताओं के खाने की जांच?
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कुछ साल पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने कहा था कि राष्ट्रपति भवन में बाकायदा एक लैब होगी, जो राष्ट्रपति और मेहमानों के खाने में जहर की जांच करेगी. इसपर काफी हल्ला हुआ था, फिर पता नहीं लगा कि लैब बनी, या नहीं. वैसे कई इंटरनेशनल लीडर खाने में जहर चेक करने के लिए स्टाफ रखते रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपने हाथों से पका खाना खिलाने की पेशकश की. साथ ही ये भी जोड़ दिया कि क्या वो मेरा बनाया हुआ खाना खाने का 'भरोसा' कर सकेंगे. राजनीति पर न जाएं तो भी पुराने समय में राजे-महाराजे के पास एक शख्स होता, जिसका काम ही खाने में जहर चेक करना था. बाद में वर्ल्ड लीडर्स भी यही करने लगे. अब ये प्रैक्टिस या तो बंद हो चुकी, या खुफिया ढंग से चल रही होगी.
क्या है ममता का मामला टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए खाना बनाने की पेशकश कर दी. सोमवार को ममता ने कहा कि मैं उनके (मोदी) के लिए कुछ पकाने के लिए तैयार हूं, अगर वे चाहें तो... हालांकि मुझे यकीन नहीं कि मैं जो पकाऊंगी, उसे वो खाएंगे या नहीं.
बीजेपी लोगों के खान-पान में कथित तौर पर हस्तक्षेप कर रही है. इसी बात को निशाना बनाते हुए सीएम ने ये सारी बातें कहीं. साथ ही भरोसे वाली बात भी जोड़ दी.
राजपरिवारों में होती थी खाने की जांच
पुराने समय में रॉयल परिवारों में फूड टेस्टर हुआ करते थे. ये एक पूरा स्टाफ होता था, जिसका काम राजपरिवार के लिए बने खाने को चखकर ये साबित करना होता था कि उसमें किसी तरह का जहर नहीं. आगे चलकर बड़े राजनेताओं के यहां भी यही बात होने लगी. कई मीडिया रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि लगभग सारे देशों ने लीडर, जिन्हें दूसरे किसी देश या पॉलिटिशियन से खतरा हो, वे सीक्रेट तौर पर फूड टेस्टर रखते हैं.
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