राकेश टिकैत की दो टूक- सभी राजनीतिक दल घोषणा पत्र में बताएं किसानों के लिए क्या करेंगे
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राकेश टिकैत ने कहा, ''सभी राजनैतिक दल अपने घोषणा पत्र जारी कर बताए किसानों के लिए क्या करने वाले हैं. युवा किसान अब जाग चुका है. हम खेती में बेईमानी नहीं करते लेकिन दिल्ली में भाव देने वाली कलम बईमान है.' ये बड़ा बयान टिकैत ने सिसौली की मासिक पंचायत में दिया हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां खूब मंथन कर रही हैं. आगामी चुनावों में उनके प्रभाव को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. यूपी और पंजाब चुनाव में तो उनकी सक्रियता अलग ही स्तर की दिखाई पड़ रही है. अब टिकैत ने सभी दलों को संदेश दिया है कि वे किसानों को पहले से अपना घोषणापत्र बताएं, स्पष्ट करें कि किसानों के लिए क्या काम किया जाएगा.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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