
ये दशक भारत का होगा, तेजी से बढ़ रही हमारी अर्थव्यवस्था, बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
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Agenda AajTak 2022: देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एजेंडा आजतक के मंच पर शिरकत की. इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. राजनाथ सिंह ने पिछले साढ़े आठ साल में भारत के विकास पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि ये दशक भारत का होगा.
Agenda AajTak 2022: देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एजेंडा आजतक के मंच पर शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि 1949 में चीन में क्रांति हुई तो उनकी जीडीपी भारत से कम थी. चीन में साम्यवादी सोच और भारत में समाजवादी सोच हावी थी. 80 के दशक में चीन ने करवट ली और कई आर्थिक सुधार किए. फिर हमने भी आर्थिक सुधार किए. लेकिन चीन ने बड़ी छलांग लगाई. फिर साल 2014 में भारत में सत्ता बदली और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. जब वह पीएम बने तो देश दुनिया की नौंवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी. लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था साढ़े तीन ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की टॉप-5 अर्थव्यवस्था बन गई है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी इकॉनोमी तेजी से बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि 2013 में विश्व प्रसिद्ध इन्वेस्टमेंट फर्म म़ॉर्गन स्टेनले ने एक शब्द गढ़ा था फ्रेजाइल फाइव. इसका मतलब था कि इन देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा रही थी. इसमें तुर्की, ब्राजील, साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया, और भारत शामिल था. लेकिन इन 9 साल में भारत फ्रेजाइल फाइव से निकलकर फेबुलस 5 में शामिल हो गया है.
'साढ़े आठ साल में कई बदलाव हुए'
रक्षामंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े आठ साल में कई बदलाव हुए हैं. इसमें सबसे बड़ा रिफॉर्म है डिजिटल फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण. इन दौरान उन्होंने जन-धन खाते का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह ऐसी व्यवस्था थी जिससे भ्रष्टाचार खत्म हुआ. जनधन, आधार औऱ मोबाइल यानी जैम. इस त्रिमूर्ति ने डिजिटल इकॉनोमी को मजबूती दी है, इस पर दुनिया आश्चर्य कर रही है.
'करप्शन समाप्त करना है तो सिस्टम में बदलाव जरूरी'
राजनाथ सिंह ने कहा कि साल 2000 में कुल सब्सिडी जीडीपी का दो फीसदी थी और आज भी इतनी ही है. इसकी वजह ये है कि हमारा सिस्टम पारदर्शी है और सही लोगों को पहुंच रहा है. इस दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के केंद्र से एक रुपये भेजने और लोगों तक 14 पैसे पहुंचने वाली बात का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि करप्शन अगर समाप्त करना है तो सिस्टम में बदलाव लाना जरूरी है.

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