यूपी: स्मारक घोटाले में रिटायरमेंट के बाद 4 अधिकारी गिरफ्तार, 7 साल पहले हुई थी FIR
AajTak
साल 2007 से 2012 के बीच रही मायावती की सरकार के दौरान हुए इन स्मारकों के निर्माण में 1400 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगे थे. इस मामले में 7 साल पहले एफआईआर हुई थी.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में मायावती की सरकार रहते स्मारक बनवाए गए थे. साल 2007 से 2012 के बीच रही मायावती की सरकार के दौरान हुए इन स्मारकों के निर्माण में 1400 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप लगे थे. इस मामले में 7 साल पहले एफआईआर हुई थी. अब यूपी पुलिस की विजिलेंस ने इस मामले में आरोपी चार पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. यूपी पुलिस की विजिलेंस टीम ने जिन चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, वे सभी राजकीय निर्माण निगम से रिटायर हैं. राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन सलाहकार विमल कांत मुद्गल, जीएम तकनीकी एसके त्यागी, जीएम सोडिक कृष्ण कुमार और यूनिट इंचार्ज रामेश्वर शर्मा को विजिलेंस ने रिटायर होने के बाद गिरफ्तार किया है. इससे पहले विजिलेंस टीम ने फरवरी महीने में छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था जिसमें तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर सुहेल अहमद फारुकी के साथ ही छह अधिकारी शामिल थे.बिभव कुमार ने सांसद स्वाति मालीवाल द्वारा दायर मारपीट मामले में जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. बिभव ने याचिका में अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है. बिभव ने याचिका में अपनी अवैध गिरफ्तारी के लिए मुआवजे की भी मांग की है. देखें वीडियो.
लोकसभा चुनाव के 7वें और अंतिम दौर में पंजाब की 13 सीटों पर मतदान होना है. नेता पंजाब में धुआंधार रैलियां कर रहे हैं. इसी बीच लुधियान में 84 दंगा पीड़ितों ने राहुल गांधी की रैली से पहले प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे चुनाव प्रचार में बीजेपी पर जमकर निशाना साधते नजर आए. देखें पंजाब आजतक.
विशेष जांच दल के सूत्रों के अनुसार, जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के 31 मई को बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है. उसने लुफ्थांसा एयरलाइंस की म्यूनिख से बेंगलुरु की फ्लाइट बुक की है. एक अधिकारी ने कहा, 'फ्लाइट गुरुवार दोपहर म्यूनिख से रवाना होगी और शुक्रवार देर रात 12:05 बजे बेंगलुरु में लैंड करेगी.'
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बुधवार को स्वास्थ्य बीमा पर एक मूल परिपत्र (master circular) जारी करते हुए साफ कर दिया है कि बीमा कंपनी को अनुरोध के एक घंटे के भीतर नकदी-रहित इलाज की अनुमति देने पर निर्णय लेना होगा. इरडा ने एक बयान में कहा कि स्वास्थ्य बीमा उत्पादों पर मास्टर परिपत्र ने पहले जारी किए गए 55 परिपत्रों को निरस्त कर दिया है और यह पॉलिसीधारकों के सशक्तीकरण और समावेशी स्वास्थ्य बीमा को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है.