यूनिफॉर्म सिविल कोड चुनावों का एजेंडा नहीं था, ये उत्तराखंड की ज़रूरत थी: पुष्कर सिंह धामी
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विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम के दूसरे दिन, राजनीति और सिनेमा से जुड़े दिग्गज मंच पर शिरकत कर रहे हैं. कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी शिरकत की. उन्होंने कई मसलों पर बात की और उत्तराखंड का एजेंडा बताया.
दिल्ली में विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' दूसरे दिन भी जारी है. कार्यक्रम में राजनीति से लेकर मनोरंजन जगत से जुड़े दिग्गजों ने हिस्सा लिया. 'उत्तराखंड का एजेंडा' नाम के सेशन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी शिरकत की.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सवाल-जवाब कर रही थीं आजतक की वरिष्ठ पत्रकार श्वेता सिंह. कार्यक्रम में पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के एजेंडे पर बात की. साथ ही, धर्मांतरण और यूनिवर्सल सिविल कोड पर भी अपने विचार साझा किए. जहां तक बात धर्मांतरण की है, तो धर्मांतरण बहुत बड़ी समस्या है.
'धर्मांतरण पर कानून बनाना ज़रूरी था'
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धर्मांतरण को लेकर कहा कि उत्तराखंड धर्म, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र बिंदू है. वहां लगातार तेजी से धर्मांतरण हो रहा था, मतांतरण हो रहा था. वहां के भोले-भाले लोगों को प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर और कुछ मनगड़ंत चीजें बताकर, जोर जबरदस्ती से धर्मातरण किया जा रहा था. ये वहां एक बड़ी समस्या बन गया था. इसलिए हमने इसपर कानून बनाने का फैसला किया. कानून भी कड़ा. इस कानून के तहत, अगर कोई भी धर्मांतरण करेगा तो जिलाधिकारी से इसकी इजाज़त लेनी होगी. और अगर कोई जबरदस्ती इसमें पाया जाएगा, तो उसके खिलाफ प्रशासन कार्यवाही करेगा और इसमें 10 साल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है.
हमारे प्राकृतिक स्रोत उत्तराखंड में हैं, जो पूरे देश के काम आते हैं. जो उत्तराखंड से शुरू होता है वो पूरे देश में जाताा है. इसमें कोई पॉलिटिकल बात नहीं है. ये समाज हित में, राज्य हित में और राष्ट्र के हित में है.
'UCC चुनावों का एजेंडा नहीं था'
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