
म्यांमार और पाकिस्तान का पंजाब बॉर्डर, गुजरात का समंदर रूट... भारत में ड्रग तस्करों के एंट्री गेट साबित हो रहे ये इलाके
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अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट भारत में नशे की खेप लाने के लिए अलग-अलग रास्तों का फायदा उठा रहे हैं. गुजरात का मुंद्रा पोर्ट, पंजाब बॉर्डर, नेपाल और म्यामांर के रास्ते भारत में ड्रग्स लाई जा रही है. जिनमें समुद्री मार्गों के ज़रिए से तस्करी की जाने वाली अफगान हेरोइन भी शामिल है.
भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी का संकट बढ़ता जा रहा है, हाल ही में बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की बरामदगी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है. दिल्ली में पुलिस ने हाल ही में दो अलग-अलग जगहों से 7,200 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाली ड्रग्स की खेप पकड़ी है. ये बरामदगी ड्रग्स के बड़े और खतरनाक कारोबार की तरफ इशारा करती है. जिसमें अंतर्राष्ट्रीय सिंडिकेट भारत में नशे की खेप लाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
मुंद्रा पोर्ट से हुई थी सबसे बड़ी बरामदगी गुजरात का मुंद्रा पोर्ट, पंजाब बॉर्डर, नेपाल और म्यामांर के रास्ते भारत में ड्रग्स लाई जा रही है. जिनमें समुद्री मार्गों के ज़रिए से तस्करी की जाने वाली अफगान हेरोइन भी शामिल है. सितंबर 2021 में डीआरआई अधिकारियों ने गुजरात की मुंद्रा बंदरगाह पर टैल्क पाउडर की शक्ल में 2,988 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी, जो अफगानिस्तान से आने वाले टैल्क स्टोन शिपमेंट में छिपाई गई थी और ईरान के रास्ते भेजी गई थी. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 21,000 करोड़ रुपये मूल्य की यह खेप देश में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी में से एक थी.
दुबई के ड्रग माफियाओं से कनेक्शन इन अवैध खेपों को छिपाने के लिए वाणिज्यिक मार्गों और वैध कार्गो का उपयोग तस्करी नेटवर्क की पहुंच को उजागर करता है. जांच में इस मामले के पीछे दुबई से संचालित ड्रग माफियाओं का कनेक्शन सामने आया था, जो भारतीय बाजार में हेरोइन की खपत बढ़ाने की कोशिश कर रहे और इस नेटवर्क को वैश्विक सिंडिकेट से जोड़ते हैं.
ड्रग्स के धंधे में तालिबान भी शामिल हालात को देखकर ऐसा लगता है कि दिल्ली शहर, ड्रग व्यापार में तेजी से केंद्र बिंदु बन रहा है. दिल्ली में पकड़ी गई ड्रग्स का पता अफगानिस्तान से संचालित होने वाले सिंडिकेट से चला. खाड़ी देशों के माध्यम से तस्करी के रास्ते को आसान बनाया जाता है. हेरोइन के प्रमुख उत्पादक के रूप में अफगानिस्तान की प्रमुखता ने इस नेटवर्क में मजबूत बनाने का काम किया है, खासकर तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों की भागीदारी के साथ ये नेटवर्क तेजी से बढ़ता जा रहा है. पंजाब और गुजरात सहित कई रास्तों के ज़रिए ड्रग्स भारत में आती है, जिसमें मुंद्रा पोर्ट का रास्ता अहम माना जाता है.
म्यांमार से ड्रग का काला धंधा हाल की घटनाएं म्यांमार जैसे इलाके में जातीय और राजनीतिक तनावों की ओर भी ध्यान आकर्षित करती हैं, विशेष रूप से कुकी समुदाय की बात की जाए तो वे अक्सर म्यांमार और भारत के बीच सीमा पार ड्रग का काला धंधा करने के आरोप में फंस जाते हैं. इन सीमावर्ती इलाकों में उग्रवाद और शासन की कमी तस्करों के लिए नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए इस इलाके के रास्तों को आसान बनाती है.
अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क की भूमिका हाल ही में देश की राजधानी में हुई बरामदगी दिल्ली को नशीले पदार्थों के प्रमुख वितरण केंद्र बनने के रूप में दर्शाता है. कई ऑपरेशन ऐसे हैं, जिनमें पुलिस और संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों ने उत्तर भारत में बड़ी मात्रा में सप्लाई की जाने वाली हेरोइन और सिंथेटिक ड्रग्स का पता लगाया है. साथ ही अफगानिस्तान और खाड़ी देशों से लेकर दिल्ली तक फैले अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क से जुड़ी कई जानकारियां भी सामने आई हैं. सूत्रों के मुताबिक, कई तस्करों का दुबई में स्थित माफियाओं से सीधा संबंध है, जो भारत में ड्रग्स की तस्करी के लिए मुश्किल रास्तों और कानूनी आयात का उपयोग करते हैं.

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