
'मैं अपनी बेटी को ब्रेस्टफीड…', 8 घंटे की शिफ्ट विवाद के बीच रानी मुखर्जी का रिएक्शन
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एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण अपनी 8 घंटे की शिफ्ट डिमांक को लेकर काफी चर्चा में हैं. इसे लेकर काफी कई दिनों से इंडस्ट्री में बात चल रही है. अब इसी बीच रानी मुखर्जी ने अभी इस पर चुप्पी तोड़ी है.
बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की शिफ्ट डिमांड की चर्चा पूरी इंडस्ट्री में है. क्योंकि इसके चलते एक्ट्रेस अब तक दो बड़ी फिल्मों से बाहर हो चुकी है. पिछले कई दिनों से सेलेब्स दीपिका की इस डिमांड पर रिएक्शन देते हुए दिखे हैं. इसकी कड़ी में रानी मुखर्जी ने भी दीपिका पादुकोण की इस डिमांड पर अपना रिएक्शन दिया है.
जानिए क्या कहा रानी मुखर्जी ने? एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में एक्ट्रेस रानी मुखर्जी ने कहा, 'मैं आपको उस समय की याद दिलाना चाहती हूं जब मैंने फिल्म हिचकी की थी क्योंकि मैंने यह फिल्म तब की थी जब मेरी बेटी आदिरा 14 महीने की थी और मैं उसे ब्रेस्ट फीडिंग करा रही थी. मुझे सुबह दूध पंप करके जाना पड़ता था. मुझे मुंबई के एक कॉलेज जाना था. इसलिए मेरे घर से ट्रैफिक जाम में उस जगह तक पहुंचने में लगभग दो घंटे लगते थे. इसलिए, मैंने इसे एक तरह से नियमित कर दिया कि सुबह मैं दूध निकालने के बाद लगभग सुबह 6.30 बजे निकल जाती हूं.'
एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'मेरा पहला शॉट सुबह 8 बजे होता था, और मैं दोपहर 12:30-1 बजे तक सब कुछ निपटा लेती थी. मुझे कहना होगा कि मेरी यूनिट और मेरे डायरेक्टर इतने प्लान्ड थे कि मैं शूटिंग पर बिताए 6-7 घंटों में से शहर में ट्रैफिक शुरू होने से पहले ही काम निपटा लेती थी और दोपहर 3 बजे तक घर पहुंच जाती थी. मैंने अपनी फिल्म ऐसे ही की.'
वहीं टाइम की फ्लेक्सिबिलिटी पर बात करते हुए रानी मुखर्जी ने कहा, 'आजकल इन बातों पर चर्चा हो रही है क्योंकि हो सकता है बाहर भी इस पर बात हो रही हो, लेकिन ये सभी पेशों में आम बात है. मैंने भी कुछ फिल्में की हैं, जिनमें मैं तय समय तक ही काम करती थी. अगर प्रोड्यूसर को इससे दिक्कत नहीं है तो आप फिल्म पर आगे काम करें और अगर प्रोड्यूसर को समस्या है तो आप फिल्म ना करें. तो ये चॉइस है, कोई किसी को फोर्स नहीं करता.'
क्या है 8 घंटे शिफ्ट का मामला? वहीं टाइम की फ्लेक्सिबिलिटी पर बात करते हुए रानी मुखर्जी ने कहा, 'आजकल इन बातों पर चर्चा हो रही है क्योंकि हो सकता है बाहर भी इस पर बात हो रही हो, लेकिन ये सभी पेशों में आम बात है. मैंने भी कुछ फिल्में की हैं, जिनमें मैं तय समय तक ही काम करती थी. अगर प्रोड्यूसर को इससे दिक्कत नहीं है तो आप फिल्म पर आगे काम करें और अगर प्रोड्यूसर को समस्या है तो आप फिल्म ना करें. तो ये चॉइस है, कोई किसी को फोर्स नहीं करता.'

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