मेघालयः शिलॉन्ग की पंजाबी लेन से सिखों को हटाए जाने का विरोध क्यों हो रहा है
The Wire
कॉनराड संगमा कैबिनेट ने शिलॉन्ग के थेम इव मावलोंग इलाके की पंजाबी लेन से सिखों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. यह निर्णय उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति की सिफ़ारिशों पर आधारित है, जिसका गठन मई 2018 में स्थानीय खासी और सिख समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दशकों पुराने भूमि विवाद का समाधान खोजने के लिए किया गया था.
गुवाहाटीः मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के थेम इव मावलोंग इलाके में सिख लेन (जिसे पंजाबी लेन के नाम से भी जाना जाता है) से सिखों को हटाए जाने के फैसले के विरोध में दलित सिख समुदाय के सदस्यों के विरोध के कुछ दिनों बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग ने सोमवार को कहा कि सरकार इस मामले में कानून के दायरे में काम कर रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तिनसॉन्ग ने बताया, ‘हम उचित तरीके से काम कर रहे हैं. यह क्षेत्र से सिख समुदाय को बाहर निकाल फेंकने का मामला नहीं है. हमारा उद्देश्य इन्हें उचित स्थान पर रिलोकेट करना है.’
दरअसल मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा कैबिनेट ने सात अक्टूबर को शिलॉन्ग के थेम इव मावलोंग इलाके के सिख लेन से सिखों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
यह फैसला उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसॉन्ग की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों पर आधारित है.