
मुनि सभ्यता, हजारों साल रहा हिंदुओं का राज... फिर कैसे इंडोनेशिया बन गया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश
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भारत और इंडोनेशिया की जड़े हजारों साल पुराने रिश्ते से जुड़ी हैं. इंडोनेशिया आज दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है. करीब 27 करोड़ आबादी वाले इंडोनेशिया में करीब 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. लेकिन एक समय यहां हिंदू और बौद्ध राजाओं का प्रभाव था.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो इस बार भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं. ये 5वीं बार है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया के नेता बतौर गेस्ट भारत में पहुंचे हैं. 26 जनवरी 1950 को हुए पहले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो ही चीफ गेस्ट थे. बता दें कि भारत और इंडोनेशिया की जड़े हजारों साल पुराने रिश्ते से जुड़ी हैं. इंडोनेशिया आज दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है. करीब 27 करोड़ आबादी वाले इंडोनेशिया में करीब 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है. लेकिन एक समय यहां हिंदू और बौद्ध राजाओं का प्रभाव था. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर हिंदू और बौद्ध प्रभाव वाले इंडोनेशिया में मुस्लिम धर्म कैसे आया और कैसे ये दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश बना...
इंडोनेशिया में पहले हिंदू और बौद्ध लोगों का दबदबा था
इंडोनेशिया हमेशा से व्यापार के लिहाज से काफी अहम रहा है. बुनी या मुनि सभ्यता इंडोनेशिया की सबसे पुरानी सभ्यता है. चौथी शताब्दी ईसा पूर्व तक ये सभ्यता काफी प्रगति कर चुकी थी. हिंदू और बौद्ध धर्म मानने वाले ऋषि परंपरा का अनुकरण करते थे. करीब दो हजार साल तक इंडोनेशिया में हिंदू और बौद्ध धर्म का दबदबा था. यहां हिंदू और बौद्ध धर्म मानने वाले राजाओं का राज था. किर्तानेगारा और त्रिभुवना जैसे राजा यहां पहले राज करते थे. चीन और भारत का इंडोनेशिया से व्यापारिक संबंध था. इंडोनेशिया के प्राकृतिक संसाधनों की वजह से यह इलाका हमेशा विदेशियों के लिए प्राथमिकता वाला रहा है. इसलिए यहां अन्य धर्मों को मानने वाले लोग दुनिया के कोने-कोन से पहुंचे थे.
13वीं सदी के आखिर में पूर्वी जावा में हिंदू माजापाहित साम्राज्य का उदय हुआ. इसके मुखिया गजाह मदा थे. जिनका असर आज भी इंडोनेशिया में देखा जा सकता है. इस दौर को इंडोनेशिया का सुनहरा काल भी कहा जाता है.
व्यापार, तलवार और शादी के दम पर फैला इस्लाम
जानकारी के अनुसार, अरबी मुस्लिम व्यापारी 8वीं सदी में इंडोनेशिया पहुंचे थे. लेकिन इस्लाम का प्रसार 13वीं सदी के अंत में शुरू हुआ. शुरुआत में इस्लाम अरबी मुस्लिम व्यापारियों द्वारा और फिर विद्वानों द्वारा मिशनरी गतिविधियों के माध्यम से फैलने लगा. शुरुआत में इस्लाम धर्म स्थानीय शासकों द्वारा अपनाया गया और फिर कुछ बड़े घरानों ने इस्लाम धर्म अपना लिया. कई रिपोर्ट को खंगालने पर पता चलता है कि मिशनरी दक्षिण एशिया (जैसे गुजरात), दक्षिण-पूर्व एशिया (जैसे चंपा) और बाद में दक्षिणी अरबी प्रायद्वीप (जैसे हद्रमत) से आए थे.

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