मुगल दरबार और इस्लाम के चैप्टर शामिल कर सकता है केरल शिक्षा बोर्ड, SCERT की मीटिंग में चर्चा
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केरल शिक्षा बोर्ड, एनसीईआरटी द्वारा अलग-अलग विषयों पर हटाए गए चैप्टर्स को शामिल कर सकता है. इसको लेकर मंगलवार को SCERT की बैठक में चर्चा हुई. अब इस मामले पर आखिरी फैसला सीएम पी विजयन ही लेंगे.
एनसीईआरटी ने भारतीय इतिहास के चैप्टर से मुगल दरबार और शासक विषय को हटा दिया है. इसके साथ ही 11वीं कक्षा की किताब से इस्लाम का उदय, संस्कृतियों में टकराव, औद्योगिक क्रांति और समय की शुरुआत के चैप्टर हटा दिए गए हैं. विपक्षी दलों और कई इतिहासकारों ने इसका विरोध भी किया. वहीं केरल शिक्षा बोर्ड ने इन चैप्टर्स को सिलेबस में शामिल रखने का फैसला किया है.
बीते सोमवार को पाठ्यक्रम संचालन कमेटी की बैठक में राज्य सरकार को एनसीईआरटी द्वारा छोड़े गए हिस्सों को शामिल करने के उपाय सुझाए गए थे. मंगलवार को हुई स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) की मीटिंग में NCERT द्वारा हटाए गए चैप्टर को शामिल करने की चर्चा हुई.
मीटिंग में कमेटी ने सरकार के साथ इस मामले पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी को अधिकृत किया. हालांकि इसको लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकार और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के पास है.
इससे पहले शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा था कि राज्य अपने स्कूल पाठ्यक्रम में NCERT द्वारा हटाए गए कुछ हिस्सों को शामिल करेगा. NCERT ने स्कूली पाठ्य पुस्तकों से मुगल इतिहास, गुजरात दंगों और डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को बाहर कर दिया था.
राज्य सरकार ने इन चैप्टर्स को सिलेबस से हटाने के NCERT के कदम का विरोध किया था. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा था कि राजनीतिक मकसद से NCERT की पाठ्यपुस्तकों से कुछ चैप्टर्स और खंडों को हटाने का फैसला न केवल इतिहास को नकारना है बल्कि आपत्तिजनक भी है.
उन्होंने कहा, "ऐतिहासिक तथ्यों को पाठ्यपुस्तकों से हटाकर आप उन्हें खारिज नहीं कर सकते हैं, जो असुविधाजनक हैं. यह स्पष्ट है कि इस तरह के उपायों के माध्यम से पाठ्यपुस्तकों का पूर्ण रूप से भगवाकरण करने का उद्देश्य है."
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