मुकुल रोहतगी ने अटॉर्नी जनरल का पद ठुकराया, केंद्र को ऑफर देने के लिए धन्यवाद भी कहा
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वर्तमान अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा होने जा रहा है. वेणुगोपाल (91 साल) का पहले 30 जून को कार्यकाल खत्म होने जा रहा था. हालांकि, केंद्र सरकार ने तीन महीने के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया था. वेणुगोपाल को मोदी सरकार ने तीसरी बार सेवा विस्तार दिया था. अब केंद्र सरकार नए अटॉर्नी जनरल की तलाश में हैं.
सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अटॉर्नी जनरल के पद को ऑफर ठुकरा दिया है. केंद्र सरकार की तरफ से रोहतगी को AG की जिम्मेदारी फिर से संभालने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. रोहतगी मोदी सरकार में 2014 से 2017 तक अटॉर्नी जनरल रहे हैं. बाद में केंद्र सरकार ने ये जिम्मेदारी केके वेणुगोपाल को सौंप दी थी.
बता दें कि वर्तमान अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को पूरा होने जा रहा है. वेणुगोपाल (91 साल) का पहले 30 जून को कार्यकाल खत्म होने जा रहा था. हालांकि, केंद्र सरकार ने तीन महीने के लिए कार्यकाल बढ़ा दिया था. वेणुगोपाल को मोदी सरकार ने तीसरी बार सेवा विस्तार दिया था. अब केंद्र सरकार नए अटॉर्नी जनरल की तलाश में हैं.
केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार किया
सूत्रों का कहना है कि केंद्र ने मुकुल रोहतगी से एक बार फिर अटॉर्नी जनरल के लिए संपर्क किया था. लेकिन उन्होंने AG का पद संभालने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. रोहतगी 2014 में पहली बार मोदी सरकार बनने पर तीन साल के लिए अटॉर्नी जनरल नियुक्त किए गए थे. 2017 में कार्यकाल खत्म होने को आया तो सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ाने की पेशकश की थी. लेकिन रोहतगी ने जून 2017 में इस्तीफा दे दिया था.
केंद्र सरकार को धन्यवाद भी दिया
अब एक बार फिर केंद्र सरकार ने प्रस्ताव भेजा तो रोहतगी ने आगे जिम्मेदारी संभालने में असमर्थता जता दी है और प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है. सूत्रों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि रोहतगी ने केंद्र को अपने फैसले से अवगत करा दिया है और प्रस्ताव देने के लिए धन्यवाद भी दिया है.
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