
मुंबई: झुग्गी-झोपड़ी से निकले टॉपर्स, पिछले 10 साल से फ्री कोचिंग दे रहीं महिलाएं
AajTak
मुंबई के स्लम इलाकों के बच्चों को 10 साल से कई महिलाएं फ्री में शिक्षा दे रही हैं. शुरूआत में 6 छात्र आया करते थे और अब यह संख्या 100 के पार हो गई है. पिछले 10 सालों में इन शिक्षकों ने कई कॉलेज टॉपर्स तैयार किए हैं साथ ही कई छात्रों को बड़े-बड़े कॉलेज में एडमिशन भी मिला है.
शिक्षा हर किसी का अधिकार. इसके बिना इंसान कई चीजों से वंछित रह जाता है, यह हमें जीवन जीने का सलीका भी सिखाती है और ऊंचाइयों को हासिल करने में मदद करती है. लेकिन भारत में बहुत से लोगों के लिए शिक्षा प्राप्त करना आज भी उतना आसान नहीं है. ऐसे कई राज्य और शहर हैं जहां की पूरी आबादी में से कई लोग शिक्षित नहीं हैं, इनमें से एक है मायानगरी मुंबई.
मुंबई में झुग्गी-झोपड़ी वाले बच्चों के लिए फ्री क्लासेस
यूं तो मुंबई को सपनों की दुनिया, हाई-फाई शहर माना जाता है लेकिन चकाचोंद और बड़ी इमारतों से दूर मुंबई की एक डार्क साइड भी है. यहां अभी भी लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए छोटे-मोटे काम कर रहे हैं, उनके लिए अच्छी नौकरी पाना मुश्किल है क्योंकि वह शिक्षित नहीं हैं. यहां कितने ऐसे बच्चे हैं तो आर्थिक समस्या की वजह से अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं. ऐसे बच्चो की मदद के लिए मुंबई के दहीसर इलाक़े की कुछ अध्यापिकाओं ने झुग्गी-झोपड़ी के बच्चो के भविष्य को संवारने का ज़िम्मा उठाया है.
23 अध्यापिकाओं से 170 बच्चे लेते हैं ट्यूशन
मुंबई के दहीसर इलाक़े में 23 अध्यापिकाओं ने इन बच्चों के भविष्य को बदलने का ठान लिया है. यह अध्यापिकाओं अपनी शिक्षा से झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों का भविष्य बनाने में लगे हुए हैं. इस जगह पर तक़रीबन 170 बच्चे हैं जो इन टीचर्स से ट्यूशन लेते हैं. यहां पर इन बच्चों को नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है, यह सभी बच्चे दहिसर के गणपत पाटिल नगर में रहते हैं. स्कूल के बाद यह बच्चे बीएमसी पार्क के पास इस केंद्र में पहुंचकर पढ़ाई करते हैं.
10 साल से निःशुल्क ट्यूशन कक्षाएं

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










