महाराष्ट्र: कौन सा व्हिप वैध? एकनाथ शिंदे की सरकार पर लटक रही है कानूनी तलवार!
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शिंदे गुट का दावा है कि 39 विधायकों ने सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना है और भरत गोगावले उनके चीफ व्हिप हैं. ऐसे में भरत गोगावले जो व्हिप जारी करेंगे, उसे सभी 55 विधायकों को मानना पड़ेगा. शिवसेना उद्धव ग्रुप के 16 विधायक इस व्हिप का उल्लंघन करेंगे तो उनकी सदस्यता खतरे में आ जाएगी.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे की सरकार पर कानूनी तलवार लटक रही है. 3 और 4 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव होगा और 4 जुलाई को शक्ति परीक्षण होगा, जिसमें शिंदे बहुमत साबित करने की कोशिश करेंगे. ऐसे में सवाल व्हिप को लेकर भी है. दरअसल शिवसेना के दोनों गुटों की ओर से विधानसभा चुनाव के लिए व्हिप जारी किए जाएंगे तो कौन-सा व्हिप वैध होगा?
'MVA सरकार में राज्यपाल ने नहीं कराया था चुनाव'
इसको लेकर आजतक से बात करते हुए शिवसेना के उद्धव गुट के नेता सुनील प्रभु ने कहा कि महाविकास अघाडी सरकार के दौरान स्पीकर पद पर चुनाव को लेकर फैसला लिया गया था कि चुनाव सीक्रेट बैलट से नहीं बल्कि ओपन मतदान से किया जाएगा. इस फैसले के खिलाफ बीजेपी के दो नेता सुप्रीम कोर्ट गए थे और यह मामला तबसे लंबित है. पिछले सत्र के दौरान राज्यपाल ने विधानसभा स्पीकर का चुनाव कराने से मना कर दिया था. राज्यपाल का कहना था कि मामला कोर्ट में लंबित है ऐसे में स्पीकर का चुनाव नहीं हो सकता है, लेकिन सरकार बदली और राज्यपाल स्पीकर का चुनाव कराने के लिए तैयार हो गए.
कानूनी पेच क्या है?
शिंदे गुट का दावा है कि 39 विधायकों ने सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुना है और भरत गोगावले उनके चीफ व्हिप हैं. ऐसे में भरत गोगावले जो व्हिप जारी करेंगे, उसे सभी 55 विधायकों को मानना पड़ेगा. शिवसेना उद्धव ग्रुप के 16 विधायक इस व्हिप का उल्लंघन करेंगे तो उन 16 विधायकों की सदस्यता खतरे में आ जाएगी. जबकि उद्धव गुट का दावा है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अजय चौधरी को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है. इस नियुक्ति को विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल ने मान्यता भी दी है. सुनील प्रभु उनके चीफ व्हिप हैं ऐसे में चीफ व्हिप सुनील प्रभु जो भी जारी करेंगे उसे बागी 39 विधायकों को भी मानना पड़ेगा.
नियम क्या कहता है?
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