
महाराष्ट्र के बाद बंगाल में भी Corona की सभी पाबंदियां हटीं, प्रोटोकॉल मानने की सलाह
AajTak
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना संबंधी सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है. राज्य में कोरोना के केस में लगातार हो रही कमी के चलते ये फैसला लिया गया है. हालांकि भीड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर प्रोटोकॉल को मानने की सलाह दी गई है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में कोरोना के कारण आवाजाही पर लगे सभी प्रतिबंध वापस ले लिए हैं. हालांकि सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधित प्रोटोकॉल को मानने की सलाह दी गई है. ममता सरकार के आदेश के मुताबिक, रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा.
कोरोना काल के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार समय-समय पर प्रतिबंधों और राहत के संबंध में नोटफिकेशन जारी कर रही थी. फिलहाल, कोरोना संबंधी सभी प्रतिबंधों को हटा लिया गया है. बंगाल सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में भीड़ और सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने की भी सलाह दी गई है.
वहीं, दफ्तरों और अन्य संस्थानों को कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल को मानने की भी सलाह दी गई है. कहा गया है कि रेग्यूलर सैनिटाइजेशन और कोविड के नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोरोना के वर्तमान स्थितियों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर से एक रिव्यू में पाया गया कि राज्य में कोरोना से होने वाली मौतों और पॉजिटिविटी रेट में काफी कमी आई है.
ये भी पढ़ें

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










