
मनीष सिसोदिया के इस्तीफ़े के बाद दिल्ली में किसका कद बढ़ेगा?: दिन भर, 28 फरवरी
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन ने क्यों अचानक दिया इस्तीफ़ा, नेपाल की राजनीति में उथल पुथल से किसका फ़ायदा, बिहार के बजट में किसके लिए क्या, प्याज की कीमतें क्यों गिरीं
मनीष सिसोदिया का इस्तीफ़ा
सुप्रिम कोर्ट से गिरफ़्तारी के विरोध वाली याचिका ख़ारिज होने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने सबको चौंकाते हुए उप-मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया, उनके पास आबकारी, शिक्षा सहित 18 विभाग थे. साथ ही साथ दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन ने भी अपना इस्तीफ़ा दे दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिना देरी के दोनों इस्तीफ़ें मंज़ूर कर लिए. आपको याद दिला दूं कि सत्येंद्र जैन पहले से जेल में थे और सिसोदिया को कल ही 5 दिन CBI रिमांड पर भेजा गया था. आज मनीष सिसोदिया अपने वकील अभिषेक मनु सिंघवी से साथ याचिका लेकर सुप्रिम कोर्ट में दो जजों के बेंच के सामने पेश हुए थे. जिसे ये कहते हुए ख़ारिज कर दिया गया कि उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था. इसकी सुनवाई चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस नरसिम्हा कर रहे थे. दिल्ली की राजनीति में उथल-पुथल मचा रही लिकर पॉलिसी घोटाले मामले में ही सत्येंद्र जैन पहले से जेल में थे, उधर मनीष सिसोदिया पर भी CBI शिकंजा कसते जा रही थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट कहती है कि घोटाले की जांच में साउथ ग्रुप और एक डिजिटल डिवाइस का नाम बार बार आ रहा है. और इस कथित साउथ ग्रुप को फ़ायाद पहुंचाने के लिए ही पॉलिसी के फ़ाइनल ड्राफ़्ट में बदलाव किए गए. होल सेलर को 12 प्रतिशत मुनाफ़ा देने वाली बातें जोड़ी गईं, जो पहले 6 प्रतिशत थी. पिछले साल 14 अगस्त को एक्साइज़ डिपार्टमेंट पर मारे गए छापे में CBI को एक डिवाइस मिली थी, जिससे ये पता चला कि ड्राफ़्ट की कॉपी वाटस्एप से डिपार्टमेंट नेटवर्क के बाहर शेयर की गई और जिसके तार उप मुख्यमंत्री ऑफ़िस से जुड़े हैं. दिन भर में सुनने के लिए यहां क्लिक कीजिए...
नेपाल में राजनीतिक संकट
राजनीतिक तौर पर अस्थिरता इन दिनों पूरी दुनिया में संकट की तरह आई है. एशिया में तो ताज़ा उदाहरण है पाकिस्तान, बांग्लादेश. अब इस लिस्ट में शामिल हो गया है नेपाल जहाँ दो महीने पहले ही सरकार बनी थी.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







