मध्य प्रदेश के बैतूल में 47 गांव ऐसे, जहां एक भी शख्स ने नहीं लगवाई वैक्सीन
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वैक्सीन को लेकर मध्य प्रदेश के आदिवासियों में डर है. डर भी इतना कि गांव के गांव वैक्सीन लगवाने से मना कर चुके हैं. 'आजतक' को जानकारी मिली थी कि बैतूल जिले के कई आदिवासी गांवों में एक भी शख्स वैक्सीन लगवाने को राजी नहीं है.
देश में कोरोना से बचाव के लिए तेजी से वैक्सीनेशन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ कई हिस्से ऐसे भी हैं जहां वैक्सीन को लेकर लोगों में जबरदस्त डर का माहौल बना हुआ है. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में ही 47 गांव ऐसे हैं जहां अब तक एक भी व्यक्ति ने वैक्सीन नहीं लगवाई है. बैतूल के ये गांव आदिवासी बाहुल्य हैं जहां के एक भी शख्स ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है. आजतक जब ऐसे ही एक गांव पहुंचा तो हैरान करने वाला सच सामने आया. वैक्सीन को लेकर मध्य प्रदेश के आदिवासियों में डर है. डर भी इतना कि गांव के गांव वैक्सीन लगवाने से मना कर चुके हैं. 'आजतक' को जानकारी मिली थी कि बैतूल जिले के कई आदिवासी गांवों में एक भी शख्स वैक्सीन लगवाने को राजी नहीं है. आजतक की टीम सच जानने के लिए राजधानी भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर बैतूल जिले के गुराड़िया गांव पहुंची. पहाड़ों के बीच बसे इस गांव में कोरकू जनजाति के करीब 600 लोग रहते हैं लेकिन किसी ने भी अबतक वैक्सीन नहीं लगवाई है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.