भारत का पहला AI वाला क्लिनिक Zini हुआ लॉन्च, चैट बॉट करेगा आपकी मदद, जानिए खासियत
AajTak
Zini AI Clinic: AI का इस्तेमाल आपने स्मार्टफोन और दूसरे इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स में सुना होगा. अब भारत का पहला AI वाला क्लिनिक लॉन्च हो गया है. इस क्लिनिक में आपको एआई चैट बॉट मिलेगा. यह चैट बॉट मरीज की मेडिकल हिस्ट्री रिकॉर्डिंग प्रॉसेस करता है. Zini ना सिर्फ मरीज बल्कि डॉक्टर की भी मदद करता है. इसकी मदद से डॉक्टर पीड़ित के रोग का जल्द पता लगा सकेंगे.
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम आपने बहुत सुना होगा. क्या आप इससे होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं? इसका एक नया उदाहरण AI पावर्ड हेल्थ क्लिनिक Zini है. Zini भारत का पहला एआई पावर्ड हेल्थ क्लिनिक है. कंपनी का कहना है कि इस क्लिक की मदद से लोगों को समय पर मेडिकल हेल्प ना मिल पाने की समस्या को दूर किया जा सकेगा.
एआई का इस्तेमाल सिर्फ मोबाइल और कम्प्यूटर में नहीं बल्कि कई दूसरे सेक्टर्स में भी किया जाता है. मेडिकल सेक्टर में AI का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है, लेकिन एक आम आदमी को इसका एक्सपीरियंस नहीं होता है.
चूंकि एआई का ज्यादातर इस्तेमाल ऑपरेशन और दूसरी बड़ी मेडिकल कंडीशन में होता है. ऐसे में इसका एक्सपीरिंयस आम यूजर को नहीं होता है. Zini हेल्थ क्लिनिक में लोगों को इसका रियल लाइफ एक्सपीरियंस मिलेगा.आइए जानते हैं जिनी एआई क्लिनिक की खास बातें.
दरअसल, इस हेल्थ क्लिनिक में एक चैट बॉट मौजूद होगा, जो मरीज की मेडिकल हिस्ट्री रिकॉर्डिंग ऑटोमेटिक प्रॉसेस कर सकता है. इस चैट बॉट की मदद से डॉक्टर को मरीज की मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी मिलेगी, जिससे बीमारी का आसानी से पता लगाया जा सकेगा. कंपनी की मानें तो इस चैटबॉट का इस्तेमाल भविष्य में आयुष्मान भारत और ई-संजीवन जैसी सरकारी योजनाओं में किया जा सकेगा.
Zini AI के सीईओ और फाउंडर, डॉ रोहित शर्मा ने कहा, 'हम मटौर गांव में भारत के पहले AI पावर्ड हेल्थ क्लिनिक, जिनी के लॉन्च से बहुत उत्साहित हैं. Zini.ai की शुरुआत सभी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह को सुलभ बनाने के उद्देश्य से हुई थी. पहले क्लिनिक के उद्घाटन से विकास के राह तय होगी और हमारे क्लिनिकल बॉट के साथ देश के हर कोने तक पहुंचने का लक्ष्य होगा.'
जिनी क्लिनिकस में, नर्स चिकित्सा उपकरणों का उपयोग करके एक रोगी के महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करने में सक्षम होती है और बॉट उस मरीज की एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करता है.
उत्तर प्रदेश सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. आयोग के सचिव अशोक कुमार की तरफ से प्रयागराज के सिविल लाइन थाने में एफआईआर कराई थी. अब इस एफआईआर को पूरी तरह एसटीएफ की टीम को ट्रांसफर कर दिया गया है. आइए जानते हैं अब तक की जांच में क्या सामने आया है.