
भारत का नया हल्का लड़ाकू टैंक 'जोरावर', चीन बॉर्डर का 'स्पेशलिस्ट', अगले महीने होगा ट्रायल
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यह टैंक पूरी तरह से भारतीय तकनीक से बनाया गया है. इस टैंक का सबसे कठिन और बोजोड़ कंपोनेंट है, इसकी 105 एमएम गन. ट्रायल से गुजरने के बाद भारत में सीरीज में जोरावर टैंक का प्रोडक्शन होगा.
नई दिल्ली. चीन के टाइप 15 टैंक के जवाब में भारत का जोरावर लाइट टैंक तैयार है. यह टैंक पूरी तरह से भारतीय तकनीक से बनाया गया है. नवंबर माह के आखिर से इस टैंक का ट्रायल शुरू होगा. द इोकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रायल सफल होने के बाद भारत इसकी तैनाती चीन से लगते बॉर्डर में कई जगह करेगा. यह हाई एल्टीट्यूड यानी बहुत ऊंचाई पर काम करने में सबसे ज्यादा सक्षम टैंक होगा. दरअसल चीन ने भारत से लगते बॉर्डर में जिन टैंक की तैनाती की है, वह ऐसी टेक्नोलॉजी से बने हैं जो ऊंचाई पर तैनात होने के साथ साथ हलके भी हैं जिसकी वजह से उन्हें आसानी से मूव यानी एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.

India Nuclear Missile Force: दुनिया में आज के समय में सभी देश अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत कर रहे हैं. भारत ने भी पिछले कुछ दशकों में अपनी सैन्य ताकत में काफी मजबूती लाई है. भारत की परमाणु क्षमता की चर्चा दुनिया में अक्सर होती है, लेकिन इसे गहराई के साथ काफी कम लोग ही जानते हैं. भारत ने सिर्फ अग्नि श्रृंखला ही नहीं बल्कि जमीन, समुद्र, हवा और क्रूज मिसाइल सिस्टम का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है.









