
भारतीयों पर हमले और मंदिरों में तोड़फोड़, क्यों अमेरिका में हिंदूफोबिया दिख रहा है?
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अमेरिका में हिंदुओं के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. हाल में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद ने भी हिंदूफोबिया को लेकर चिंता जता डाली. हिंदू खुद को सबसे ज्यादा सहनशील मानते रहे, तब क्या वजह है कि अमेरिका में उनके खिलाफ हिंसा दिख रही है. FBI की हेट क्राइम स्टेटिस्टिक्स रिपोर्ट भी यह मानती है.
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने हिंदूफोबिया पर एक प्रेस कॉफ्रेंस करते हुए कहा कि भारतीय मूल के बच्चों और लोगों के खिलाफ नफरत बढ़ रही है. हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है. यहां तक कि भारतीय दूतावासों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ये प्रमाण है कि हिंदूफोबिया रियल है. सांसद की बात में वजन है. बीते कुछ समय से लगातार मंदिरों और भारतीयों पर हमलों की खबरें आ रही हैं. लेकिन सबको अपनाने वाले अमेरिका को हिंदुओं से क्या समस्या हो गई?
क्या है फोबिया का मतलब
ये एक तरह का डर है, जो अक्सर अतार्किक यानी बिना किसी वजह के होता है. मसलन कई लोगों को ऊंचाई पर डर लगता है, या फिर अंधेरे से डर लगे. धर्म या किसी खास विचारधारा को मानने वालों से भी किसी को डर लग सकता है. जैसे दूसरे विश्व युद्ध के समय हिटलर ने यहूदियों के खिलाफ इस तरह का डर दिखाया. ये डर नफरत में बदल गया और करोड़ों यहूदियों के नरसंहार की वजह बना. इसे एंटी-सेमिटिज्म कहते हैं, जो खास यहूदियों से नफरत को बताती है.
आगे चलकर इस्लामोफोबिया टर्म सुनाई दिया. ये सितंबर 2001 में अमेरिका पर हमले के बाद की बात है, जब पता लग चुका था कि हमले में चरमपंथी इस्लामिक ताकतें शामिल हैं. इसके बाद अलग-अलग देशों में मुस्लिमों से डरने या उनपर हमले की बात कही जाने लगी. अब हिंदूफोबिया दिखाई दे रहा है.
क्या कहते हैं इंटरनेशनल थिंक टैंक

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