ब्रिटेन का 1947 मोमेंट! अब PAK मूल के हमजा यूसुफ UK को तोड़ने में तो ऋषि सुनक बचाने में लगे
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ऋषि सुनक और हमजा यूसुफ ब्रिटेन में एशियाई मूल के ये दो राजनेता आज अपने अपने देश में शीर्ष पद पर हैं. दोनों का ही जड़ें अविभाजित भारत से है. लेकिन वर्तमान में दोनों के हितों में टकराव है. हमजा यूसुफ स्कॉटलैंड को संप्रभु राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो ऋषि सुनक के कंधे पर ब्रिटेन की भौगोलिक सीमाओं को कायम रखने की चुनौती है. स्कॉटलैंड की ये मांग भारत के विभाजित होकर अलग पाकिस्तान बनने की याद दिलाती है.
कहते हैं कि इतिहास कभी न कभी खुद को दोहराता है. भारत का विभाजन करवाने वाले ब्रिटेन के साम्राज्यवादियों, पीएम क्लीमेंट एटली और वायसराय माउंटबेटेन ने शायद ही कभी ये कल्पना की होगी कि भारत के बंटवारे के मात्र 75 साल बाद एक ऐसा मौका आएगा जब ब्रिटेन के बंटवारे पर गंभीर चर्चा होगी. नियति का न्याय तो ये भी है कि इस बंटवारे को रोकने या मुकम्मल करने की जिम्मेदारी एक हिन्दु्स्तानी मूल और एक पाकिस्तानी मूल के नेता के हाथ में है.
भारत की आजादी के 75 साल बाद आज ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भारतवंशी मूल के हिन्दू ऋषि सुनक हैं और ब्रिटेन से अलग होने की मांग कर रहे स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर एक पाकिस्तानी मूल के मुस्लिम हमजा यूसुफ हैं. हमजा यूसुफ पिछले सोमवार को ही स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर बने हैं. फर्स्ट मिनिस्टर यानी कि वहां का प्रधानमंत्री. मतलब कि स्कॉटलैंड का सर्वोच्च नेता जिनके हाथ में जिनके हाथों में सभी विधायी और कार्यपालिका की शक्तियां होती हैं.
ब्रिटेन का 1947 मोमेंट!
ब्रिटेन से स्वतंत्र अस्तित्व की मांग यूं तो स्कॉटलैंड सालों से कर रहा है. हमजा यूसुफ ने चुनाव प्रचार के दौरान सालों पुराने इस स्कॉटिश गुबार और भावनाओं को खूब हवा दी थी और कहा था कि अगर वे चुनाव जीत गए तो वे स्कॉटलैंड को ब्रिटेन से अलग कर स्वतंत्र देश बनाने की दिशा में मजबूत कदम आगे बढ़ाएंगे. हमजा यूसुफ की इस कॉल को लोगों का जोरदार समर्थन मिला और वे निर्वाचित घोषित किए गए. लेकिन जब उन्होंने स्कॉटलैंड को ब्रिटेन से अलग करने के अपने एजेंडे के बारे में ब्रिटिश पीएम से बात की तो ऋषि सुनक ने उन्हें टका सा जवाब दिया और ऐसी किसी भी कोशिश को सिरे से खारिज कर दिया.
ब्रिटेन के मौजूदा हालात की भारत के बंटवारे के दौर से बराबर की तुलना तो नहीं की जा सकती है लेकिन वर्ष 2023 का ये ब्रिटेन हिन्दुस्तानियों को 1946-47 का वो दौर याद दिलाता है जब ब्रिटेन भारत को बांटने के लिए पंच बना बैठा था. मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना और लियाकत अली खान भारत से पाकिस्तान को अलग करवाने के लिए अड़े थे जबकि गांधी-नेहरू और पटेल ऐसे किसी भी प्रस्ताव के खिलाफ थे. आज ब्रिटेन में भी कुछ ताकतें अपने लिए अलग देश की मांग कर रही हैं. पाकिस्तानी मूल का एक स्कॉटिश स्कॉटलैंड को ब्रिटेन से अलग कराना चाहता है जबकि भारतीय मूल का ब्रिटिश पीएम इस देश को बंटने नहीं देने पर अड़ा है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक ट्वीट कर इस स्थिति की तुलना 1946-47 से की है.
ऐसी है ब्रिटेन की बनावट और बसावट
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