
बॉलीवुड में बढ़ते डिवोर्स, नशे पर बोले मनोज बाजपेयी- 'समाज को देखिए, इंडस्ट्री भी उसी का हिस्सा...'
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मनोज बाजपेयी ने कहा कि अगर इंडस्ट्री के किसी कोने में कोई कुछ गलत करता पकड़ा जाता है तो इससे कुछ भी साबित नहीं होता. बॉलीवुड से आने वालीं डिवोर्स की खबरों को लेकर बात करते हुए मनोज ने कहा कि न्यूक्लियर फैमिली के ट्रेंड ने पूरे समाज को ही नुक्सान पहुंचाया है.
दमदार एक्टर्स में से एक मनोज बाजपेयी इन दिनों अपने करियर का एक बड़ा लैंडमार्क सेलिब्रेट कर रहे हैं. उनकी 100वीं फिल्म 'भैयाजी' हाल ही में थिएटर्स में रिलीज हुई है. ये उनकी होम-प्रोडक्शन फिल्म भी है.
90s में करियर शुरू करने वाले मनोज ने बॉलीवुड में हर तरह की फिल्में की हैं और स्टार्स से लेकर न्यूकमर्स तक, तमाम कलाकारों के साथ काम किया है. ऑलमोस्ट तीन दशक से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बने रहे मनोज बाजपेयी ने अब बॉलीवुड में नशे और सेलेब्रिटीज के डिवोर्स को लेकर बात की है.
अपने परिवारों और दोस्तों को लेकर बहुत जिम्मेदार हैं लोग मनोज बाजपेयी ने सुशांत सिन्हा के साथ एक यूट्यूब इंटरव्यू में कहा कि ये एक छोटी सी इंडस्ट्री है और बहुत सारे लोगों को काम चाहिए होता है. अगर इंडस्ट्री के किसी कोने में कोई कुछ गलत करता पकड़ा जाता है तो इससे कुछ भी साबित नहीं होता. मनोज ने कहा, 'मैं, मेरे दोस्त या कोस्टार्स इसी इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और मैं कह सकता हूं कि इनमें से 95% सिर्फ अपनी फिल्मों को लेकर ही नहीं, अपने परिवार और करीबियों को लेकर भी बहुत पैशनेट और जिम्मेदार हैं. इधर उधर की कुछ घटनाएं ये नहीं साबित करतीं कि पूरी इंडस्ट्री ऐसी ही है.'
फिल्म इंडस्ट्री भी समाज का ही हिस्सा बॉलीवुड से आने वालीं डिवोर्स की खबरों को लेकर बात करते हुए मनोज ने कहा कि न्यूक्लियर फैमिली के ट्रेंड ने पूरे समाज को ही नुकसान पहुंचाया है. और इसी का नुकसान इंडस्ट्री पर भी रिफ्लेक्ट होता है. मनोज ने कहा, 'आज की तारीख में, अगर आप तीस हजारी कोर्ट चले जाएं और डिवोर्स रेट पूछें तो आपको एहसास होगा कि हम कहां आ गए हैं, जहां हर रोज रिलेशनशिप्स और शादियां टूट रही हैं. हमारी सोसाइटी ने न्यूक्लियर फैमिली का ट्रेंड अपना लिया है और इसके बेनेफिट्स भी हैं, लेकिन इस ट्रेंड ने जो नुक्सान पहुंचाए हैं वो आप आज कोर्ट्स में देख सकते हैं.'
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, 'तो क्या इंडस्ट्री समाज का हिस्सा नहीं है? जो लोग समाज का भी हिस्सा हैं, वही इंडस्ट्री में भी हैं. जब लोग एक ही सोसाइटी से हैं, तो ये ऑब्वियस है कि समाज का बदलाव इंडस्ट्री में भी दिखेगा.' मनोज ने कहा कि इसी इंडस्ट्री में पहले इतने डिवोर्स नहीं होते थे, जितने अब होते हैं. फिल्म इंडस्ट्री बहुत ओपन-माइंडेड है और क्रिएटिव लोगों को ऐसा होना भी चाहिए.

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