बृजभूषण सिंह को इसी महीने कोर्ट में होना होगा पेश, 3 धाराओं में केस दर्ज, जानें कितने साल की हो सकती है सजा
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महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट का संज्ञान लिया. पुलिस ने आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को समन जारी करते हुए उन्हें 18 जुलाई को पेश होने के लिए कहा है. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बृजभूषण पर तीन धाराएं लगाई है. इनमें से दो धाराएं गैरजमानती हैं. जानते हैं कि उन पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और इन धाराओं के तहत कितनी सजा का प्रावधान है?
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को यौन शोषण मामले में कोर्ट ने समन जारी कर दिया है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने पुलिस की चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए बृजभूषण को 18 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है. वहीं बृजभूषण ने एक न्यूज एजेंसी ने कहा- मैं 18 जुलाई को कोर्ट के सामने पेश होऊंगा. मुझे अदालत में पेश होने से कोई छूट नहीं चाहिए. कोर्ट WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर को भी समन जारी किया है.
छह बालिग महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. पुलिस ने अपनी चार्जशीट बृजभूषण पर कई धाराएं लगाई हैं. अगर उन पर यौन शोषण के आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें कई साल की सजा हो सकती है. आइए जानते हैं कि पुलिस की चार्जशीट में उन पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और उन्हें कितने साल तक की सजा हो सकती है.
- IPC की धारा 354: यानी स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया है या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई है. इस धारा में दोष सिद्ध होने पर अधिकतम 5 साल की सजा का प्रावधान है और ये एक गैर जमानती धारा है.
- IPC की धारा-354 ए: अगर कोई व्यक्ति शारीरिक संपर्क या अवांछित और स्पष्ट यौन संबंध का प्रस्ताव देता है या यौन अनुग्रह की मांग या अनुरोध करता है, महिला की इच्छा के बिना उसे अश्लील कंटेंट दिखाता या यौन संबंधी टिप्पणियां करता है, तो वह यौन उत्पीड़न के अपराध का दोषी होगा. इस धारा के तहत अधिकतम एक साल की सजा का प्रावधान है और ये एक जमानती धारा है.
- IPC की धारा 354D: अगर कोई पुरुष किसी महिला का पीछा करता है और संपर्क करता है, या महिला की इच्छा के विरुद्ध या साफ मना करने के संकेत के बावजूद बार-बार व्यक्तिगत बातचीत को बढ़ाने के लिए संपर्क करने का प्रयास करता है; या इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार के किसी अन्य माध्यम का इस्तेमाल कर महिला की निगरानी करता है, वह स्टॉकिंग के तहत दोषी माना जाएगा. इस धारा के तहत 5 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है. हालांकि यह जमानती धारा है.
बृजभूषण शरण सिंह को WFI चीफ पद से हटाने के लिए सबसे पहले जनवरी में दिल्ली में मंतर-मंतर पर पहलवानों ने धरना दिया था. तब जांच कमेटी का आश्वासन मिलने से पहलवान वापस लौट गए थे. फिर अचानक तीन महीने बाद अप्रैल में पहलवानों का दिल्ली में जमावड़ा लगा और बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के मामले में FIR की मांग की गई.
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