बिहार: 2025 में कौन होगा CM फेस? बयानबाजी के बाद तेजस्वी यादव और डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद भिड़े
AajTak
Bihar Political Fight: तेजस्वी यादव ने बिहार बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा था कि बीजेपी के पास बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है. इस पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने तेजस्वी यादव को करारा जवाब दिया.
बिहार की राजनीति में कब किस बात को लेकर बवाल हो जाए और राजनीति शुरू हो जाए, ये कोई नहीं बता सकता. बिहार का सियासी चरित्र समझना सबके बस की बात नहीं. इस चरित्र में कई बार बिहार की पूरी मीडिया भी उलझ जाती है, लेकिन होता वही है, जो पार्टी और नेता तय करते हैं. दरअसल, तेजस्वी यादव ने बिहार बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के पास बिहार में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है. उसके बाद विवाद बढ़ गया है और डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद कई माध्यमों से तेजस्वी यादव को करारा जवाब दे रहे हैं.
तारकिशोर प्रसाद ने बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार को लेकर जो भी चर्चाएं बिहार की सियासी गलियारों में चल रही हैं. वो झूठी हैं. बिहार बीजेपी ने नीतीश कुमार की अगुवाई में 2020 का चुनाव लड़ा था. बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व नीतीश कुमार पर भरोसा करता है. नीतीश कुमार ही 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव का मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. 2025 में एनडीए के नेता मिलकर तय करेंगे मुख्यमंत्री कौन बनेगा, लेकिन फिलहाल नीतीश कुमार ही आगे भी एनडीए का चेहरा बने रहेंगे.
राजद पर परिवारवादी पार्टी होने का आरोप लगाया
तारकिशोर प्रसाद राजद के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं. तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि राजद परिवारवादी पार्टी है. उनकी पार्टी में उनके परिवार के अलावा कोई और चेहरा नहीं है. वो अपना घर देखें. बीजेपी में हर कार्यकर्ता और नेता मुख्यमंत्री का उम्मीदवार है. तेजस्वी यादव बीजेपी की चिंता ना करें. उन्होंने पूछा कि तेजस्वी की पार्टी से परिवार को निकाल दिया जाए, तो उनके पार्टी में बचता क्या है?.
सीएम नीतीश कुमार पर बयान देने वालों की आई बाढ़
बिहार में इन दिनों सियासत की धुरी सिर्फ नीतीश कुमार बने हुए हैं. उनके बारे में बयान देने वालों की बाढ़ सी आ गई है. नीतीश कुमार कहां जाएंगे, दिल्ली रहेंगे या बिहार जाएंगे. इसपर चर्चा जोरों पर है. हालांकि, नीतीश कुमार सबकुछ साफ कर चुके हैं कि वे बिहार की सेवा करेंगे, लेकिन बिहार की सियासत में नीतीश कुमार इन दिनों हॉट केक बने हुए हैं. बीजेपी और जदयू नेताओं की जुबान पर सिर्फ और सिर्फ नीतीश कुमार के सियासी मूवमेंट की बात रहती है और इसी को लेकर राजनीति चल रही है.
चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार के चुनावी खर्च की सीमा तय कर रखी है. लोकसभा चुनाव में हर उम्मीदवार 95 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. जबकि, विधानसभा चुनाव में ये सीमा 28 लाख से लेकर 40 लाख रुपये तक है. अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार 75 लाख और विधानसभा चुनाव में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है.
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा कि हर कोई जो शांति चाहता है, उन्हें अपनी आवाज उठानी चाहिए. अब समय आ गया है कि इस जंग को खत्म कर दिया जाए. उन्होंने दोनों पक्षों के नेताओं से आह्वान किया है कि इस मौके को मत गंवाए. बाइडेन के मुताबिक, इस प्रस्तावित शांति योजना के पहले चरण में छह हफ्तों का सीजफायर शामिल है, जिस दौरान इजरायल और हमास सात अक्तूबर के हमले के बाद से शुरू हुई जंग को खत्म करने पर चर्चा करेंगे.
सातवें चरण में लगभग 5.24 करोड़ पुरुष, 4.82 करोड़ महिलाएं और 3,574 थर्ड जेंडर मतदाता सहित 10.06 करोड़ से अधिक नागरिक मतदान करने के पात्र हैं. आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती, अभिनेत्री कंगना रनौत, रवि किशन, निशिकांत दुबे भी मैदान में हैं.