
बिग बॉस OTT में आना पूजा भट्ट की भूल! रियलिटी शो में पढ़ा रही ह्यूमैनिटी का पढ़ा, कंटेस्टेंट्स का बिगाड़ा गेम
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पूजा ये भूल गई हैं कि वो रियलिटी शो में आई हैं. ह्यूमन बिहेवियर करेक्ट करने नहीं. अगर पूजा नहीं होती तो उनके करीबी घरवालों का गेम और एग्रेसिव या हाइपर होता. जिया को टॉर्चर करने के टास्क में भी पूजा का कोई योगदान नहीं था. पूजा का अब गेम प्लान यूजर्स को पसंद नहीं आ रहा.
इंसानियत नहीं है? कोई टॉर्चर हो रहा है और आप लोग हंस रहे हैं, कहां गई ह्यूमैनिटी? बिग बॉस ओटीटी 2 की कंटेस्टेंट पूजा भट्ट के मुंह से आपने कई दफा ये डायलॉग सुने होंगे. पूजा की दमदार पर्सनैलिटी को शो में लोग काफी पसंद कर रहे हैं. लेकिन कहीं ना कहीं उनके ज्ञान ने घरवालों को परेशान किया हुआ है. इस ज्ञान का असर पूजा के साथ-साथ बाकी कंटेस्टेंट्स की इमेज पर भी पड़ रहा है. यूं कहें पूजा भट्ट बीबी हाउस में लोगों का गेम खराब कर रही हैं. ऐसा क्यों चलिए जानते हैं.
पूजा और उनकी ह्यूमैनिटी...
स्ट्रॉन्ग विचारों वाली पूजा हर बात पर स्टैंड रखती हैं. घर में सभी उनकी बहुत इज्जत करते हैं. वो बोलती अच्छा हैं और किसी की भी बोलती बंद करने का दम रखती हैं. पूजा फोकस्ड हैं. उन्हें बिग बॉस से खुद के लिए फेम या पब्लिसिटी नहीं चाहिए. वो इस रियलिटी शो में खुद को टेस्ट करने आई हैं. यहां तक तो ठीक था. लेकिन 1 महीने बाद हालात बदल गए हैं. पूजा का अब गेम प्लान यूजर्स को पसंद नहीं आ रहा. उनका मानवता का ज्ञान गेम को बोरिंग बना रहा है. बीते वीकेंड का वार में एक वाकया हुआ, जिसने पूजा को काफी नाराज कर दिया.
आशिका भाटिया के इमोशनल ब्रेकडाउन को पूजा ने इतना पर्सनल लिया कि बाकी घरवालों को विलेन पेश किया. अपने करीबी लोगों बेबिका, फलक पर वो भड़कीं. एक्ट्रेस ने ये तक कहा कि अब उनका शरीर इस घर में नहीं है दिल नहीं. उन्हें गेम में मजा नहीं आ रहा है. वो इस शो के पीछे अपने प्रिंसिपल और ह्यूमैनिटी को नहीं भूलेंगी.
दूसरों का गेम कर रहीं वीक
अब भला पूजा भट्ट को कौन बताएं, रियलिटी शो को मानवता की बातें बोरिंग करती हैं. अच्छा हुआ पूजा बिग बॉस 13 का हिस्सा नहीं थीं, वरना सीजन के धमाकेदार ट्विस्ट वो शायद नहीं झेल पातीं और पहले ही हफ्ते में गेम शो से बाहर हो जातीं. पूजा की वजह से बेबिका और फलक का गेम भी वीक हो रहा है. पूजा घर में एक्टिव हैं. लेकिन जहां टास्क की बात आती है, उनकी टास्क जीतने की खास दिलचस्पी नहीं दिखती है. जब ज्ञान, मानवता की बात करनी होती है, वो सबसे पहले नजर आती हैं. लेकिन टास्क पार्टिसिपेशन में ऐसा लगता है वो एक डमी बनकर खेल रही हैं.

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