
बगल में केजरीवाल के लिए खाली कुर्सी! पदभार संभालकर बोलीं आतिशी- जिस तरह भरतजी ने खड़ाऊं रखकर...
AajTak
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार संभाल लिया है. कमान संभालने के साथ ही उन्होंने यह भी तय कर दिया है कि भले ही सीएम की कुर्सी पर वह काबिज हैं, लेकिन सर्वोच्च स्थान पर अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे. सोमवार को सीएम की कुर्सी संभालने के साथ ही आतिशी ने कहा,'जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊ रखकर सिंहासन संभाला उसी तरह मैं सीएम की कुर्सी संभालूंगी.' इस दौरान उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी नजर आई.
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने पदभार संभाल लिया है. कमान संभालने के साथ ही उन्होंने यह भी तय कर दिया है कि भले ही सीएम की कुर्सी पर वह काबिज हैं, लेकिन सर्वोच्च स्थान पर अरविंद केजरीवाल ही रहेंगे. सोमवार को सीएम की कुर्सी संभालने के साथ ही आतिशी ने कहा,'जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊ रखकर सिंहासन संभाला उसी तरह मैं सीएम की कुर्सी संभालूंगी.' इस दौरान उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी नजर आई.
आतिशी ने कहा,'आज मेरे मन में भरत की व्यथा है. भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबतक दिल्ली वाले उनकी ईमानदारी साबित नहीं करते वो कुर्सी पर नहीं बैठेंगे और इस्तीफा दे दिया. दिल्ली के लोग दोबारा अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाएंगे.'

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










