
फार्मूला फोर रेसिंग कार में विजेता पहली भारतीय महिला बनीं मीरा, शुरुआत में ताने मारते थे लोग
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मीरा ने अपने इस सफर की शुरुआत महज 9 साल की उम्र में की थी. मीरा बताती हैं कि बचपन में उनके पिताजी उन्हें रेसिंग ट्रैक पर ले जाते थे. अपने भाइयों को रेसिंग ट्रैक पर गाड़ियां चलाते देख मीरा का भी मन करता था कि वे भी रफ्तार से अपने कदम मिलाएं. मीरा के पिता ने हमेशा ही उनका साथ दिया.
सड़क पर रफ्तार से मुलाकात करते हुए अक्सर पुरुषों को ही देखा जाता है. बात जब फार्मूला फॉर रेसिंग कार की हो तब महिलाओं की गिनती बहुत कम होती है, लेकिन गुजरात के वडोदरा में 21 साल की मीरा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फार्मूला फॉर रेसिंग कार में ना सिर्फ भारत का प्रतिनिधित्व किया बल्कि जीत भी हासिल की. मीरा इस उपलब्धि के साथ भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय फॉर्मूला फॉर कार रेसिंग की विजेता बन चुकी हैं.
मीरा ने अपने इस सफर की शुरुआत महज 9 साल की उम्र में की थी. मीरा बताती हैं कि बचपन में उनके पिताजी उन्हें रेसिंग ट्रैक पर ले जाते थे. अपने भाइयों को रेसिंग ट्रैक पर गाड़ियां चलाते देख मीरा का भी मन करता था कि वे भी रफ्तार से अपने कदम मिलाएं. मीरा के पिता ने हमेशा ही उनका साथ दिया. शायद यही वजह थी कि उन्होंने अपने सफर की शुरुआत इतनी कम उम्र में कर दी थी.
हालांकि, मीरा के लिए ये सफर आसान नहीं था. मीरा कहती हैं कि आज से 20 साल पहले भारत में मोटर स्पोर्ट्स का चलन नहीं था. बहुत कम महिलाएं थीं जो मोटर स्पोर्ट्स को पेशे के तौर पर चुनती थीं और मीरा ने मोटर स्पोर्ट्स को अपने पेशे के तौर पर चुना तब उनकी काबिलियत पर भी कई सवाल खड़े किए गए.
उनके अपने रिश्तेदारों ने उनसे कहा कि एक लड़की कैसे मोटर स्पोर्ट्स में जा सकती है. कैसे वो इतनी तेज रफ्तार में गाड़ी चलाएगी, लेकिन मीरा ने इन सभी बातों को अनसुना करते हुए सिर्फ अपने दिल की आवाज सुनी और अपने इस रेस में ब्रेक नहीं लगने दिया.

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