
प्लास्टिक प्रदूषण का हल नहीं ढूंढ़ पाए 200 देश, साउथ कोरिया की मीटिंग में नहीं बनी बात
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यह इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएटिंग कमेटी (INC) की पांचवीं बैठक थी, जो प्लास्टिक प्रदूषण पर कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि का मसौदा तैयार करने के लिए 2022 से काम कर रही है. हफ्ते भर चली बातचीत में प्लास्टिक उत्पादन और हानिकारक रसायनों पर अंकुश लगाने की मांग करने वाले और केवल प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने वाले देशों के बीच गहरे मतभेद उजागर हुए.
प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए एक संधि को अंतिम रूप देने के लिए दक्षिण कोरिया के बुसान में आयोजित एक ग्लोबल मीटिंग रविवार को बिना किसी समझौते के समाप्त हो गई. बैठक में शामिल हुए देश प्लास्टिक प्रोडक्शन और फाइनेंस पर रोक लगाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में विफल रहे.
अगले साल फिर मिलेंगे सभी देश
सभी देश वार्ता जारी रखने के लिए अगले साल फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं. यह इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएटिंग कमेटी (INC) की पांचवीं बैठक थी, जो प्लास्टिक प्रदूषण पर कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि का मसौदा तैयार करने के लिए 2022 से काम कर रही है.
हफ्ते भर चली बातचीत में प्लास्टिक उत्पादन और हानिकारक रसायनों पर अंकुश लगाने की मांग करने वाले और केवल प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने वाले देशों के बीच गहरे मतभेद उजागर हुए.
मीटिंग में शामिल हुए 200 देश
मीटिंग में लगभग 200 देशों के वार्ताकार शामिल हुए. उन्होंने प्रमुख मुद्दों पर मतभेदों को खत्म करने के लिए शनिवार को बंद कमरे में चर्चा की, लेकिन रविवार को जारी किए गए मसौदे ने अधिकांश चिंताओं को अनसुलझा छोड़ दिया.

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