प्रेम दीवानी या पाक जासूस! इस 'सीमा' के आगे कहां है नियम-कायदे की सरहद?
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भले ही सीमा हैदर को एक भारतीय लड़के से प्यार हो गया हो, प्यार में पागल होकर वो सीमा पर कर के अपने प्रेमी से मिलने आ गई हो, लेकिन वह किसी भी तरह से भारतीय नागरिकता कानून की शर्तें पूरी नहीं करती है. ऐसे में भारतीय कानून के मुताबिक उसे इस तरह खुलेआम घूमने देने, रिहायशी इलाके में रहने देने की जगह दिल्ली के डिटेंशन सेंटर में रखना चाहिए.
'आलू भरा परांठा... पानी भरा ग्लास, सीमा तेरी याद में... न भूख लगे न प्यास', सीमा हैदर के प्यार में नए नए शायर बने सचिन की ये शायरी सोशल मीडिया पर तैर रही है. सीमा-सचिन की प्रेम कहानी हर तरफ चर्चा में हैं. पाकिस्तान से चार बच्चों के साथ भारत भागकर आई सीमा को लेकर ऐसा क्रेज चल पड़ा कि उसके घर के बाहर सेल्फी लेने वालों का तांता लग गया. जिस गली में कभी इक्का-दुक्का लोग एक साथ नजर आते थे, वो गली सूटेड-बूटेड लोगों से खचाखच भरी हुई है.
कैमरे के सामने प्यार में देश की सीमा लांघकर आने वाली सीमा की तारीफें चल रही हैं तो कहीं लोग इस कपल से मिलने के लिए घरों की छत फांद रहे हैं. सीमा-सचिन से उनके रिश्ते के बारे में जानना चाहते हैं. सीमा भी बड़े आराम से अपनी PubG वाली स्टोरी सब को सुना रही है. दूसरी तरफ सऊदी में बैठे सीमा के पति गुलाम हैदर की अपनी गुजारिशें और अपील जारी हैं. कुल मिलाकर सीमा हैदर के नाम पर अजीब तरह की चकाचौंध छाई हुई है.
जबकि होना तो यह चाहिए था कि गैरकानूनी तरीके से भारत आने वाली पाकिस्तानी मुस्लिम महिला सीमा हैदर से सख्ती से पूछताछ की जाए. लेकिन लोग सोशल मीडिया पर उसके डांस वीडियोज देखकर मज़े ले रहे हैं. जिससे किसी साजिश के बारे में पूछताछ की जानी चाहिए थी, उससे उसकी पबजी वाली लव स्टोरी को चाव से सुना जा रहा है. सीमा ने कितने कानून तोड़े हैं इस बात की शायद किसी को भी फ़िक्र नहीं. कई महीनों से सीमा अपने कथित पति सचिन मीणा के घर पर आराम से रह रही थी.
यह सब मामला तो तब खुला जब बुलंदशहर के एक वकील ने इस मामले की जानकारी दी. जिसके बाद भारतीय एजेंसियों को लव स्टोरी का पता चला. और तब पुलिस हरकत में आई और 4 जुलाई को सीमा, उसके कथित पति सचिन और सचिन के पिता नेत्रपाल को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन 7 जुलाई को जेवर सिविल कोर्ट के जूनियर डिविजन जज नजीम अख्तर ने इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया. इसके पीछे की वजह में कहा गया कि सीमा और सचिन ने हिंदू रीति रिवाज से शादी की है. ऐसे में अब चूंकि वो हिंदू है, तो वह भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती है. जमानत देते समय कोर्ट ने कुछ छोटी शर्तें भी रखीं. जिसमें एक शर्त यही थी कि वो अपना पता नहीं बदल सकती. लेकिन अब सवाल ये उठता है कि जिस महिला को फॉरेनर्स एक्ट, 1946 और कथित तौर पर साजिश रचने के लिए गिरफ्तार किया गया था उसे इतनी आसानी से जमानत पर रिहाई कैसे मिल गई? वो भी तब जब वो एक पाकिस्तानी महिला है. भारत का फॉरेनर्स एक्ट, 1946
इस सवाल के जवाब में हमने सुप्रीम कोर्ट के कई वरिष्ठ वकीलों से बात की. उन्होंने कहा, 'भारत का फॉरेनर्स एक्ट, 1946 किसी भी अवैध घुसपैठिये या अवैध प्रवासी को किसी भी परिस्थिति में भारत में बसने की परमिशन नहीं देता है, हालांकि इस कानून में काफी ऐसे फैक्टर भी हैं जो इसे लचीला बना देते हैं. मतलब इस कानून के अनुसार, अगर कोई अवैध प्रवासी-विदेशी महिला या पुरुष किसी भारतीय महिला या पुरुष से शादी करता है, तो वह रजिस्ट्रेशन के जरिए नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. सीमा के मामले में भी यही हुआ है.'
उन्होंने आगे कहा, 'सीमा-सचिन के इस मामले में पुलिस के अलावा सरकारी वकील की भूमिका भी बेहद निराशाजनक देखने को मिली. अगर सीमा और सचिन ने कोर्ट में एफिडेविट देकर यह कहा कि उनकी शादी हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार हुई है, तो अभियोजन पक्ष को कोर्ट से आग्रह करना चाहिए था कि जब तक पुलिस एफिडेविट के तथ्यों की जांच कर पुष्टि नहीं कर लेती, तब तक आरोपियों को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. अगर ऐसा होता तो कोर्ट, पुलिस से इनकी शादी की जांच करने को कहता.'
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