प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक को क्या चुनावी ‘इवेंट’ में बदला जा रहा है
The Wire
सुरक्षा में चूक को लेकर ख़ुद प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी जिस तरह उसी क्षण से इस घटना को सनसनीखेज़ बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने में लग गए हैं, उससे ज़ाहिर है कि वे घटना की गंभीरता को लेकर कम और उससे मुमकिन चुनावी फायदे के बारे में ज़्यादा गंभीर हैं.
निस्संदेह यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री पंजाब जैसे सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य में रैली करने जा रहे हों, तो किसानों द्वारा विरोध के कारण उन्हें निरापद रास्ता न मिल पाए और किसी फ्लाईओवर पर फंसकर वापस लौट जाना पड़े. लेकिन कहीं ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी अपनी आदत के अनुसार इस घटना से भी कोई सबक सीखने को तैयार नहीं हैं.
जिस तरह वे उसी क्षण से घटना को सनसनीखेज बनाकर राजनीतिक लाभ उठाने में लग गए हैं, उससे साफ है कि उसकी गंभीरता को लेकर कम और उससे मुमकिन चुनावी लाभ को लेकर ज्यादा गंभीर हैं. प्रधानमंत्री का भठिंडा एयरपोर्ट पर पंजाब के अफसरों से अपने मुख्यमंत्री को ‘उनके जिंदा लौट पाने के लिए धन्यवाद देने को कहना’ भी उनके इसी तरह के प्रयत्नों का हिस्सा है.
हालांकि कई लोगों को उनके सचमुच ऐसा कुछ कहने को लेकर भी संदेह है. वे पूछ रहे हैं कि कहीं प्रधानमंत्री की चहेती न्यूज एजेंसी ने खुद उनका यह कथन तो नहीं गढ़ लिया और खबर चला दी?
इस दौर में इसे न असंभव कह सकते हैं और न अप्रत्याशित. खासकर जब न प्रधानमंत्री की ऐसा कहते हुए कोई बाइट उपलब्ध है, न उन अफसरों के नाम ही सामने आए हैं, जिनसे उन्होंने कथित तौर पर ऐसा कहा.