पोलैंड में गिरी रूसी मिसाइलों ने क्यों दिला दी सेकेंड वर्ल्ड वॉर और हिटलर की याद?
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पोलैंड में जाकर गिरी 2 अज्ञात मिसाइलों में 2 लोगों की मौत हो गई है. इन मिसाइलों ने फिर उस कहानी की याद दिला दी है जब 1 सितंबर 1939 को हिटलर की नाजी सेनाओं ने पोलैंड पर हमला कर दिया था. और इसी हमले के साथ ही वर्ल्ड वार-2 का आगाज हो गया था.
दुनिया के दिग्गज नेता जब रूस और यूक्रेन के बीच 9 महीने से चल रहे जंग को खत्म करने के लिए औपचारिक अनौपचारिक बैठकें कर ही रहे थे कि अचानक यूक्रेन से सटे पोलैंड के एक गांव में 2 मिसाइलें गिरी. इसके बाद एक जोरदार धमाके में पोलैंड के 2 लोगों की मौत हो गई.
बता दें कि युद्ध के इतिहास की बात करें तो पोलैंड ही वो देश है जहां 1 सितंबर 1939 को हिटलर की सेनाएं घुसी थी और उसी दिन से यूरोप में सेकेंड वर्ल्ड वार की शुरुआत हो गई थी. इस लिहाज से इस घटना का बड़ा महत्व है.
पोलैंड में गिरा ये मिसाइल कहां से आया?, किसने इसे लॉन्च किया?, इस पर जांच और चर्चा जारी ही है लेकिन इससे अचानक विश्व राजनीति में तनाव बढ़ गया है. बता दें कि पोलैंड नाटो का सदस्य देश है. नाटो समझौते का आर्टिकल-5 कहता है कि नाटो के किसी एक सदस्य पर हमला पूरे सदस्यों पर हमला माना जाएगा. अमेरिका में ऐसे ही 9/11 हमले के बाद इसे पूरे NATO पर हमला माना गया था.
सवाल है कि पोलैंड पर मिसाइल गिरने के बाद क्या इस युद्ध का दायरा बढ़ जाएगा? ऐसे ही सवालों पर NATO में चर्चा होने जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पोलैंड पर मिसाइल गिरने के बाद पैदा हुई स्थिति पर चर्चा के लिए NATO और जी-7 देशों की आपात बैठक बुलाई है.
पोलैंड की भौगोलिक स्थिति न चाहते हुए इसे युद्ध में घसीट लाती है. पोलैंड की सीमाएं जर्मनी, चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया और रूस से सटी हुई हैं. 1939 में हिटलर जब जर्मनी की सीमाओं को धमकी, ताकत और जिद के जोर पर विस्तार करने में लगा था तो पोलैंड इसका पहला शिकार हुआ.
हिटलर की नाजी सेनाओं ने 1 सितंबर 1939 को पोलैंड पर हमला कर दिया. हिटलर के इस कदम का जवाब देते हुए फ्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं ने 3 सितंबर 1939 को जर्मनी के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी. 17 सितंबर को USSR ने भी पूरब की ओर से पोलैंड पर कब्जे के लिए हमला बोल दिया. हालांकि सोवियत रूस ने अब तक युद्ध की खुली घोषणा नहीं की थी.