
पुतिन का इरादा क्या है? पहली बार रूस ने बेलारूस भेजे परमाणु हथियार, यूक्रेन बॉर्डर पर कर दिए फिक्स!
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच पुतिन ने परमाणु हथियारों की पहली खेप बेलारूस भेज दी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस साल मार्च महीने में बेलारूस में टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन तैनात करने का ऐलान किया था.
रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूसी परमाणु हथियारों का पहला जखीरा अब बेलारूस पहुंच गया है. द हिल के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि मास्को ने बेलारूस को परमाणु हथियारों का अपना पहला जखीरा भेज दिया है. सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए, पुतिन ने कहा कि बाकी परमाणु हथियार गर्मियों के अंत तक भेजे जाएंगे.
रूस यूक्रेन की सीमा से लगे देश में परमाणु बम तैनात करने की योजना के तहत आगे बढ़ रहा है. युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'यह उन सभी लोगों के खिलाफ एक निवारक उपाय है जो रूस और उसकी रणनीतिक हार के बारे में सोचते हैं.' रूसी नेता की यह टिप्पणी बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के उन दावों पर मुहर लगाती है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके देश को "रूस से बम और मिसाइल" का पहला जखीरा प्राप्त हुआ है.
लुकाशेंको ने रूसी और बेलारूसी की सरकारी मीडिया से कहा, 'हमारे पास मिसाइल और बम हैं जो हमें रूस से प्राप्त हुए हैं. बम हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों की तुलना में तीन गुना अधिक शक्तिशाली हैं.' बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने घोषणा की कि रूस ने बेलारूस को परमाणु हथियारों की डिलीवरी शुरू कर दी है. 1991 के बाद पहली बार रूस ने विदेशी धरती पर परमाणु हथियार तैनात किए हैं.
आपको बता दें कि लुकाशेंको को रूस का मुख्य सहयोगी माना जाता है. दिलचस्प बात यह है कि बेलारूस की सीमा यूक्रेन और रूस दोनों से लगती है. जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो उसने बेलारूस को ही लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल किया था और अपने युद्ध अभियान को संचालित किया था. लुकाशेंको की बात करें तो वह लगभग 30 साल (1994) से सत्ता में बने हुए हैं. 2020 में लुकाशेंको लगातार छठवीं बार बेलारूस के राष्ट्रपति चुने गए थे, हालांकि यह चुनाव विवादित रहा था और देश में इसे लेकर जमकर हिंसा भी हुई थी.
एलेक्जेंडर लुकाशेंको और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अच्छे दोस्त माने जाते हैं. पुतिन की तरह ही लुकाशेंको भी सोवियत संघ के टूटने से नाराज थे. बताया जाता है कि लुकाशेंको एकमात्र सदस्य थे जिन्होंने सोवियत संघ के विघटन के खिलाफ वोट दिया था. सोवियत संघ के टूटने के बाद बेलारूस भी अलग देश बन गया. 1994 के राष्ट्रपति चुनाव में लुकाशेंको ने वादा किया कि वो बेलारूस को गड्ढे से निकालेंगे.
जब सोवियत संघ एक था, तो उसके परमाणु हथियार सदस्य देशों में तैनात थे. 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद यूक्रेन, बेलारूस और कजाकिस्तान समेत बाकी सदस्यों ने सभी परमाणु हथियार रूस को सौंप दिए थे. इसके बाद से रूस ने अपनी सीमा के बाहर कभी भी परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

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