पीरियड्स में कपड़ों और 'पत्तों' का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं ये औरतें, पढ़िए बेबस महिलाओं की दर्द-ए-दास्तां
Zee News
Ground Reality About Periods: पीरियड्स के दौरान बेटियों को पैड्स मिल जाए इसलिए वो खुद कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, घर-घर जाकर मजदूरी करती हैं, सिलाई मशीन चलाती हैं. ये हर उस मां की कहानी है जो मजबूर है और गरीबी से लाचार है. आज के दौर में भी कई बेटियां ऐसी हैं जिनके पास पैड्स खरीदने तक के पैसे नहीं हैं और वो कपड़े का इस्तेमाल करती हैं. कपड़े तो कपड़े कई औरतें अपने घाघरे और पेड़ के पत्तों का भी इस्तेमाल करती हैं. नीचे पढ़िए और खुद समझिए...
Ground Report: देश की संसद से मजह 15-20 किलोमीटर दूर राजधानी दिल्ली में ऐसी न जाने कितनी बहू-बेटियां रहती हैं, जिन्होंने मजबूरी को ही अपनी जिंदगी का लिबास बना लिया है. आज के दौर में भी ये महिलाएं और बेटियां माहवारी (Periods) के दौरान सेनेटरी पैड्स नहीं बल्कि कपड़े का इस्तेमाल करती हैं. 'पीरियड्स को लेकर लोगों में कितनी जागरूकता है?' जब इसकी पड़ताल करने हम सड़कों पर उतरे और लोगों के बीच जाकर झुग्गियों में रह रही महिलाओं और बेटियों से बातचीत की, तो जो हकीकत सामने आई वो वाकई रोंगटे खड़े कर देने वाली थी.