'पार्टी प्रवक्ता के लिए एक घंटे में अपील, सबसे बड़े नेता के लिए हफ्तेभर साइलेंट', अपनी ही पार्टी पर हमलावर हुए आचार्य प्रमोद
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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को रद्द हुए हफ्ताभर बीत चुका है, लेकिन कांग्रेस की ओर से अभी तक इस मामले में ऊपरी कोर्ट में अपील नहीं की गई है. इसे लेकर अब आचार्य प्रमोद ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि राहुल ने अपनी सजा पर रोक लगाने की अपील नहीं की है, यह किस तरह का अहंकार है? आप एक सांसद के रूप में बने रहना चाहते हैं और अदालत के समक्ष भी नहीं जाएंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हुए सात दिन बीत चुके हैं, लेकिन पार्टी की ओर से अभी तक इस मामले में ऊपरी कोर्ट में अपील दाखिल नहीं की गई है. इसे लेकर अब कांग्रेस के ही नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने सबसे बड़े 'नेता' के लिए एक हफ्ते में कोर्ट में एक 'अपील' भी दाखिल नहीं कर सकी है.
आचार्य प्रमोद ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का नाम लिए बिना उनका भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पार्टी एक 'प्रवक्ता' के लिए एक घंटे में 'सुप्रीम' कोर्ट पहुंच गई थी, लेकिन सबसे बड़े नेता के लिए हफ्तेभर से साइलेंट हैं. कब रद्द हुई राहुल गांधी की सदस्यता?
सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में पिछले शुक्रवार (24 मार्च) को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया है. जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है.
राहुल गांधी के पास अब क्या विकल्प है?
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है. हालांकि, राहुल को अपनी सदस्यता को बचाए रखने के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. वो अपनी राहत के लिए हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, जहां अगर सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लग जाता है तो सदस्यता बच सकती है. हाईकोर्ट अगर स्टे नहीं देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा.
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से अगर स्टे मिल जाता है तो भी उनकी सदस्यता बच सकती है. लेकिन अगर ऊपरी अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलती तो राहुल गांधी 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. राहुल गांधी 2019 में वायनाड से सांसद चुने गए थे.
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