पहले भी कई भीषण आपदाओं का सामना कर चुका है मोरबी शहर, क्या 'यह श्राप' है वजह
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इसी मच्छु नदी पर बना झूलता पुल आस पास के लोगों के लिए बड़े आकर्षण का केंद्र था. सात महीने से इस पुल की मरम्मत का काम चल रहा था और पांच दिन पहले ही ये आम लोगों के लिए फिर से खोला गया था.
नई दिल्ली: राजकोट से 64 किलोमीटर दूर बसे मोरबी शहर का इतिहास काफी पुराना रहा है. मच्छु नदी के किनारे पर बसा यह शहर प्राचीन जडेजा राजपूतों की राजधानी भी रहा है. इसी मच्छु नदी पर बना झूलता पुल आस पास के लोगों के लिए बड़े आकर्षण का केंद्र था. सात महीने से इस पुल की मरम्मत का काम चल रहा था और पांच दिन पहले ही ये आम लोगों के लिए फिर से खोला गया था.
रविवार को हुआ था बड़ा हादसा
Kuwait Fire Tragedy Updates: कुवैत में दो दिन पहले हुए भीषण अग्निकांड में जान गवाने वाले भारतीय मजदूरों के पार्थिव शरीर को स्वदेश लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो भारतीय वायुसेना का एक विमान शुक्रवार को सुबह मजदूरों का पार्थिव शरीर लिए कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा.
आरएसएस की ओर से एक बार फिर नाम लिए बगैर बीजेपी पर निशाना साधा गया है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पिछले दिनों कहा था कि एक सच्चे 'सेवक' में अहंकार नहीं होता है. वह 'गरिमा' बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है. वहीं अब आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि राम की पूजा करने वाली पार्टी अहंकारी हो गई थी इसलिए उसे भगवान राम ने अकेले सत्ता पाने से रोक दिया.