पति, पत्नी और साजिश... एक कत्ल के लिए तीन सुपारी, ज्योति हत्याकांड का राज खुला तो हर कोई रह गया हैरान
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जमशेदपुर से करीब 17 किलोमीटर दूर रांची-टाटा हाई-वे पर अचानक एक शूटआउट की वारदात होती है. एक परिवार अपनी गाड़ी से वापस शहर की ओर लौट रहा था. कार में पति-पत्नी और दो बच्चे सवार थे. लेकिन रास्ते में घात लगाए शूटर्स ने अचानक कार पर गोली चला दी.
Jyoti Agarwal Murder Case: जमशेदपुर में एक कारोबारी की पत्नी के कत्ल का अजीब मामला सामने आया है. कारोबारी की पत्नी को उस वक्त गोली मारी गई, जब वो अपने पति के साथ कार में सवार होकर कहीं जा रही थी. इसके बाद जब पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले की तफ्तीश की तो पता चला कि इस एक कत्ल के लिए तीन सुपारी दी गई थीं. इस मामले में तीसरी सुपारी देने वाले शख्स का सच जब सामने आया तो हर कोई हैरान रह गया.
गुरुवार, 28 मार्च रात करीब 10 बजे जमशेदपुर से करीब 17 किलोमीटर दूर रांची-टाटा हाई-वे पर अचानक एक शूटआउट की वारदात होती है. एक परिवार अपनी गाड़ी से वापस शहर की ओर लौट रहा था. कार में पति-पत्नी और दो बच्चे सवार थे. लेकिन रास्ते में घात लगाए कातिलों ने अचानक कार पर गोली चला दी और गोली कार में बैठी 39 साल की महिला ज्योति अग्रवाल को लगी. रात के अंधेरे में हुए इस हमले से गाड़ी में मौजूद सारे लोगों के हाथ-पांव फूल गए, लेकिन ज्योति के पति रवि अग्रवाल ने हिम्मत बटोर कर उसी हालत में कार दौड़ाई और सीधे टाटा मेन हॉस्पीटल पहुंचे. मगर अफ़सोस ज्योति की जान जा चुकी थी.
आखिर क्यों हुआ ज्योति का कत्ल? अब सवाल ये था कि ज्योति का क़त्ल क्यों और किसने किया? कहीं ये कोई मिस्टेकन आइडेंटिटी यानी गलत पहचान का मामला तो नहीं था? तो ज्योति के पति रवि अग्रवाल की माने तो इस कत्ल के पीछे शहर के कुछ बदमाशों का हाथ था, जो पिछले कई दिनों से लगातार उनसे रंगदारी मांग रहे थे. प्वाईवुड के कारोबारी रवि की मानें तो उन्होंने खुद रंगदारी मांगने की शिकायत पुलिस से भी की थी. वारदात वाली रात वो अपनी पत्नी के साथ एक रेस्टोरेंट से डिनर कर लौट रहे थे. बीच रास्ते में तबीयत बिगड़ने पर जैसे ही उन्होंने गाड़ी रोकी, कातिलों ने गोली चला दी.
ज्योति के पति रवि ने सुनाई ये कहानी रवि अग्रवाल ने बीवी की हत्या के बाद बताया कि बदमाश उनसे 25 लाख की रंगदारी मांग रहे थे, जो उन्होंने नहीं दी. उनकी दुकान के बाहर कार खड़ी रहती है. उसी के दरवाजे में एक लेटर फंसाकर छोड़ा गया था. जिसमें ये रकम मांगी गई थी. लेटर कम शब्दों में लिखा था. जिसके मुताबिक, बदमाशों ने 27 फरवरी को 12 बजे पैसा लेकर बुलाया था. रवि ने घटना के बारे में बताया कि उस वक्त कार के साइड से दो लड़के आए और पैसे मांगे, और इसके बाद गोली मार दी. रवि का कहना था कि हमलावर पैदल ही आए थे. उन्होंने कार रोकी और वे कार का दरवाजा पकड़कर खड़े थे. रवि ने कहा कि वो हमलावर कैसे आए थे और गोली चलने के बाद तुरंत कैसे चले गए. उन्हें पता ही नहीं चला. वो नहीं देख पाए कि वो किस वाहन से आए थे.
रवि ने की थी पत्नी को मारने की कोशिश रवि अग्रवाल ने अपनी पत्नी की हत्या की यही कहानी पुलिस को बताई. लेकिन उनकी पत्नी ज्योति के घरवालों की शिकायत रंगदारी मांगने वाले बदमाशों से नहीं थी, बल्कि वे खुद अपने दामाद रवि से खफा थे. घरवालों ने बताया कि इससे पहले भी रवि ने एक बार गंगटोक में गला दबा कर उनकी बेटी ज्योति को मारने की कोशिश की थी और दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं थे.
रंगदारी नहीं, निकली गहरी साजिश इस जानकारी के बाद पुलिस का माथा ठनक गया और पुलिस ने इसी एंगल में आगे जांच बढ़ाने का फैसला किया. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की. रवि अग्रवाल के बारे में पुलिस को नयी जानकारी मिलती गई. पूरी छानबीन और जांच पड़ताल के बाद पुलिस को पता चल गया कि इस क़त्ल के पीछे कोई रंगदारी की कहानी नहीं, बल्कि ज्योति के पति रवि की साजिश है, जिसने अपनी पत्नी की जान लेने के लिए बदमाशों को 16 लाख रुपये की सुपारी दी थी. सुपारी देकर साजिश बीवी को शहर से बाहर ले गया, रास्ते में कार रोकी और कातिलों से गोली मरवा दी.
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