
पंजाब में बाढ़ से डूबे 1300 गांव... उफनती सतलज-ब्यास-रावी नदियों और बारिश ने बढ़ाई लोगों की मुश्किल
AajTak
पंजाब में भीषण बाढ़ से अब तक 30 मौतें हो चुकी हैं और 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. 1,300 से ज्यादा गांवों और 96,000 हेक्टेयर खेतीबाड़ी को नुकसान पहुंचा है. NDRF, आर्मी और पुलिस राहत कार्यों में जुटी है. होशियारपुर में हालात गंभीर हैं. सरकार ने स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं और मेडिकल कैंपों के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं.
पंजाब पिछले एक महीने से भीषण बाढ़ संकट से जूझ रहा है. 1 अगस्त से अब तक बाढ़ के कारण राज्य में 30 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 2.56 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य सरकार ने इसे दशकों की सबसे गंभीर प्राकृतिक आपदा करार दिया है. सूबे में सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान के साथ मौसमी नालों में बढ़े जलस्तर से कई जिलों में भारी तबाही मची है.
बाढ़ से सबसे ज्यादा असर अमृतसर में देखा गया है, जहां 35,000 लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद फिरोजपुर में 24,015, फाजिल्का में 21,562, पठानकोट में 15,053, गुरदासपुर में 14,500, होशियारपुर में 1,152, एसएएस नगर में 7,000, कपूरथला में 5,650, मोगा में 800, जालंधर में 653, मानसा में 163 और बरनाला में 59 लोग प्रभावित हुए हैं.
यह भी पढ़ें: विशेष: पंजाब-हिमाचल में बाढ़ से हाहाकार, दिल्ली में यमुना का खतरा! 30 मौतें, फसलें तबाह
राज्य सरकार के बुलेटिन के मुताबिक, सबसे ज्यादा 6 मौतें पठानकोट में दर्ज की गई हैं. अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर, लुधियाना, मानसा और रूपनगर में 3-3 लोगों की मौत हुई. बठिंडा, गुरदासपुर, पटियाला, मोहाली और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई. पठानकोट में तीन लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.
अब तक 15,688 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सबसे ज्यादा 5,549 लोगों को गुरदासपुर में बचाया गया, जबकि फिरोजपुर में 3,321, फाजिल्का में 2,049, अमृतसर में 1,700 और पठानकोट में 1,139 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है.
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद उफनती सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के कारण पंजाब के बड़े हिस्से में बाढ़ आई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







