
न्यूक्लियर वेपंस पर क्यों घिरे ट्रंप? सत्ता में रहते हुए भी टॉप जनरलों ने की थी ये सीक्रेट तैयारी
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर Peril नाम की किताब में चौंकाने वाला दावा किया गया है. किताब के मुताबिक, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल मार्क मिली ने ट्रम्प को न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए टॉप सीक्रेट कार्रवाई की थी.
अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित घर पर छापेमारी की थी. बताया जा रहा है कि ये छापेमारी न्यूक्लियर वेपंस के सीक्रेट दस्तावेजों की तलाशी को लेकर हुई थी. आरोप है कि व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद ट्रम्प ये दस्तावेज अपने साथ लेकर फ्लोरिडा आ गए थे. एफबीआई ने ट्रम्प के घर से करीब 12 बॉक्स भरकर दस्तावेज भी जब्त किए हैं. यह पहला मौका नहीं है, जब ट्रम्प न्यूक्लियर हथियार के मामले में घिरे हैं. इससे पहले भी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर एक किताब में चौंकाने वाला दावा किया गया था.
किताब के मुताबिक, अमेरिका में चुनाव के बाद हिंसा हुई थी. चुनाव नतीजों के बाद ट्रम्प काफी परेशान थे. अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रमुख जनरल मार्क मिली को आशंका थी कि ट्रम्प न्यूक्लियर हमले समेत कोई भी खतरनाक कदम उठा सकते हैं. ऐसे में मार्क मिली ने ट्रम्प को न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए टॉप सीक्रेट कार्रवाई की थी.
जनरल मिले ने 6 जनवरी को हुए दंगों के ठीक दो दिन बाद ट्रम्प के सैन्य हमले के आदेश देने के अधिकार को सीमित करने फैसला किया था.
वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार बॉब वुडवर्ड और रॉबर्ट कोस्टा ने अपनी नई किताब Peril में लिखा है कि जनरल मिले हिंसा को लेकर काफी परेशान थे. उन्हें पता था कि चुनाव में हार के बाद ट्रम्प की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. क्यों कि वे चुनाव में साजिशों के मनगढ़ंत आरोप लगाकर अधिकारियों पर चिल्ला रहे थे. जनरल मिली को चिंता सता रही थी कि ट्रम्प कोई खतरनाक कदम उठा सकते हैं.
किताब के मुताबिक, जनरल मिली ने अन्य शीर्ष अधिकारियों को बताया कि राष्ट्रपति का ट्रिगर बिंदु क्या है? किताब के मुताबिक, जनरल मिली ने पेंटागन में 8 जनवरी को एक बैठक की. इसमें उन्होंने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल समेत सैन्य कार्रवाई शुरू करने की प्रक्रिया की समीक्षा की. इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे तब तक ट्रम्प का कोई आदेश न मानें, जब तक जनरल खुद इसमें शामिल न हों. जनरल मिली ने अधिकारियों से कहा था कि वे इस आदेश को शपथ के तौर पर माने.

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