न्याय से इनकार करने से अंतत: अराजकता फैलेगी: सीजेआई रमना
The Wire
श्रीनगर में हुए एक समारोह में सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह ज़रूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकारों और सम्मान को मान्यता दी गई है और उन्हें संरक्षित किया गया है. उन्होंने जोड़ा कि हम अपनी अदालतों को समावेशी और सुलभ बनाने में बहुत पीछे हैं. अगर इस पर तत्काल ध्यान नहीं देते हैं, तो न्याय तक पहुंच का संवैधानिक आदर्श विफल हो जाएगा.
श्रीनगर: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना ने शनिवार को कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि लोग महसूस करें कि उनके अधिकारों और सम्मान को मान्यता दी गई है और उन्हें संरक्षित किया गया है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि न्याय से इनकार करने से अंतत: अराजकता फैलेगी.
सीजेआई जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के लिए नए परिसर की आधारशिला रखने यहां आए थे.
सीजेआई ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए वकीलों और न्यायाधीशों से वादियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह किया, जो अक्सर ‘बहुत अधिक मनोवैज्ञानिक दबाव में’ होते हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि विवादों का तत्काल निपटान स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है और इंसाफ से इनकार आखिर में अराजकता को जन्म देगा.